
वाडीलाल इंडस्ट्रीज ने अथॉरिटी ऑफ एडवांस रूलिंग को आवेदन दिया था जिसमें उनके द्वारा पूछा गया था कि आपूर्ति किए जाने वाले पराठे पर क्या रोटी और खाखरा की तरह ही 5 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। जिसपर गुजरात के एएआर यानि अथॉरिटी ऑफ एडवांस रूलिंग ने कहा है कि पराठे के ऊपर 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा।
इंग्लिश डिक्शनरी का दिया हवाला
वाडीलाल इंडस्ट्रीज ने अपने आवेदन में विभिन्न इंग्लिश डिक्शनरी और विकिपीडिया के हवाले से पराठा शब्द की परिभाषा दी है। कंपनी ने कई तरह के उदाहरण से रोटी और पराठे की समानता को गिनाया है। कंपनी ने कहा जीएसटी कानून में नियमों को परिभाषित नहीं किया गया है। बता दें मेरियाम वेब्सटर डिक्शनरी के अनुसार पराठा ‘बगैर खमीर वाली गेहूं की भारतीय रोटी होती है जिसे तवे पर तला जाता है।’
एएआर: पराठे का रोटी से अलग हैं
अथॉरिटी ऑफ एडवांस रूलिंग ने बताया कि प्लेन चपाती, खाखरा, या रोटी तैयार कर पकाई जाती है और खाने के लिए इसके प्रसंस्करण की जरूरत नहीं होती है। अथॉरिटी ने बताया कि कंपनी के द्वारा आपूर्ति किए जा रहे पराठे का रोटी से अलग हैं, खाने के लिए उसे आगे और पकाने की जरूरत होती है।
अगस्त में तमिलनाडु अथॉरिटी ऑफ एडवांस रूलिंग ने मिक्स, इडली, डोसा, मिक्स, टिफिन मिक्स, स्वीट मिक्स हेल्थ मिक्स और दलिया मिक्स को 18 प्रतिशत टैक्स के दायरे के भीतर रखा था।
इसके साथ कर्नाटक अथॉरिटी ऑफ एडवांस रूलिंग ने गेहूं के पराठे को और मालाबार पराठा के लिए कहा था कि ये खाद्य सामाग्री रेडी टू ईट नहीं हैं क्योंकि इन्हें खाने के पहले गरम करना पड़ता है और इस श्रेणी के खाद्य सामाग्रियां 18 प्रतिशत कर के दायरे में आते हैं।