Bihar

79वें स्वतंत्रता दिवस पर नीतीश कुमार का संबोधन, बिहार में अपराध घटा, शिक्षा-स्वास्थ्य में सुधार

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  • सीएम नीतीश ने गांधी मैदान में झंडा फहराया
  • युवाओं को मिलेगा 1 करोड़ रोजगार
  • अपराध में आई बड़ी कमी
  • शिक्षा के लिए साइकिल और मदद राशि
  • अस्पतालों में बढ़ाई जा रही सुविधाएं

79th Independence Day : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य में 2005 की तुलना में हत्या, लूट, अपहरण और डकैती की घटनाओं में अब बहुत कमी आई है. अब डर-भय का वातावरण नहीं है.

आज देश अपना 79वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है. इस मौके पर पटना के गांधी मैदान में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने झंडा फहराया. तिरंगे को सलामी दी. परेड हुआ और अलग-अलग विभागों से झांकियां निकाली गईं. इस मौके पर सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि हम लोगों की सरकार के द्वारा युवाओं को सरकारी नौकरी दी जा रही है. 2020 में सात निश्चय- 2 में हम लोगों ने तय किया 10 लाख नौकरी और 10 लाख रोजगार दिए जाएंगे ये तो हो ही गया और बढ़ ही रहा है. अब तय किया है कि अगले पांच वर्षों में एक करोड़ युवाओं को नौकरी और रोजगार दिए जाएंगे.

2005 की तुलना में अपराध में भारी कमी आई

सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य में 2005 की तुलना में हत्या, लूट, अपहरण और डकैती की घटनाओं में अब बहुत कमी आई है. अब डर-भय का वातावरण नहीं है. लोग देर रात तक बाजार हाट का काम कर रहे हैं. बिना डर-भय के आ-जा रहे हैं. शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में ध्यान दिया गया है. पहले स्कूल बहुत कम था. शिक्षकों की कमी थी. इसके कारण पढ़ाई ठीक से नहीं हो पाती थी. आप सब जानते हैं कितना ज्यादा किया गया है.

पोशाक और साइकिल योजना लागू

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए लड़के-लड़कियों को पोशाक और साइकिल योजना चलाई गई. लड़कियों को 12वीं पास करने पर 25 हजार और ग्रेजुएट होने पर 50 हजार रुपये की राशि दी जा रही है. अब लड़कियां भी खूब पढ़ रही हैं. स्कूलों में लड़के-लड़कियों की संख्या बराबर हो रही है. अब सरकारी शिक्षकों की संख्या पांच लाख 12 हजार हो गई है.”

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों की संख्या बढ़ी

गांधी मैदान में संबोधन के दौरान उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं का भी उल्लेख किया, उन्होंने कहा कि शुरू से ही स्वास्थ्य व्यवस्था में लगातार सुधार किया गया है. पहले हालात बेहद खराब थी- प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में हर महीने सिर्फ 39 मरीज ही आते थे. लेकिन अब वहां औसतन 11,600 मरीजों का इलाज हो रहा हैं. उन्होंने बताया कि 2006 से ही सरकारी अस्पतालों में मुफ्त दवाइयों की व्यवस्था की गई है.

उन्होंने कहा कि पीएमसीएच को 5400 बेड का बनाया जा रहा है, जबकि पांच पुराने मेडिकल कॉलेजों में कुल 2500 बेड की सुविधा विकसित की जा रही है. पहले ईजीआईएमएस में तो कुछ नहीं होता था. लेकिन अब उसे भी 3000 बेड का करने की योजना है. अब वहां तेजी से काम हो रहा है और बड़ी संख्या में लोग इलाज के लिए पंहुच रहे हैं.

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