Madhya Pradesh

व्यापम घोटाला : 10 दोषियों को CBI कोर्ट ने सुनाई सश्रम कारावास की सजा

Vyapam scam : मध्य प्रदेश के व्यापम घोटाले से जुड़ी पटवारी भर्ती परीक्षा में हुई गड़बड़ियों के मामले में बड़ा फैसला आया है. इंदौर की विशेष सीबीआई अदालत ने मंगलवार को 10 आरोपियों को पांच-पांच साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने सभी दोषियों पर 3,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है. यह जानकारी सीबीआई द्वारा जारी बयान में दी गई है.

मिली जानकारी के अनुसार, सीबीआई कोर्ट ने साल 2008 की पटवारी भर्ती परीक्षा में धोखाधड़ी से प्रतिरूपण के मामले में रामेश्वर, राकेश, देवेंद्र, चेतन, बलराम, हरपाल, गोपाल, जितेंद्र, दिनेश और दिग्विजय सिंह सोलंकी को पांच-पांच ,साल के सश्रम कारावास और 3,000-3,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है. इन सभी के खिलाफ खरगोन के कोतवाली पुलिस थाने में 26 अक्टूबर 2012 को प्राथमिकी दर्ज की गई थी. प्राथमिकी में आरोप था कि इन लोगों ने तत्कालीन व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापम) की आयोजित पटवारी भर्ती परीक्षा में जाली दस्तावेज प्रस्तुत करके धोखाधड़ी की थी और जाली दस्तावेजों को असली बताकर इस परीक्षा में अपना चयन कराया था.

सीबीआई ने दोषियों को सजा सुनाई

आपको बता दें कि वर्ष 2013 में सामने आया व्यापम घोटाला गिरोहबाजों, अधिकारियों और कुछ राजनीतिक नेताओं की कथित मिलीभगत से जुड़ा रहा है. इस घोटाले में राज्य सरकार की सेवाओं और पेशेवर पाठ्यक्रमों की प्रवेश परीक्षाओं में सैकड़ों उम्मीदवारों का अवैध रूप से चयन किया गया था. सुप्रीम कोर्ट के 2015 के आदेश के बाद व्यापम से जुड़े मामलों की जांच मध्य प्रदेश पुलिस से लेकर सीबीआई को सौंप दी गई थी. इसी मामले में आज कोर्ट ने दस दोषियों को सजा सुनाई है.

सुधीर शर्मा पर भी मामला दर्ज

व्यापम घोटाला राज्य में पूर्व बीजेपी सरकारों के कार्यकाल के दौरान मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश और सरकारी भर्तियों में हुई बड़े पैमाने की अनियमितताओं से जुड़ा रहा है. इस मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी ने सीआरआईएसपी के पूर्व अध्यक्ष सुधीर शर्मा के खिलाफ भी केस दर्ज किया था. सुधीर शर्मा संघ, विद्यार्थी परिषद और विज्ञान भारती सहित कई संगठनों में अलग-अलग पदों पर कार्य कर चुके हैं.

सुधीर शर्मा के खिलाफ चार मामले दर्ज

इसके बाद व्यापम घोटाले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई. सीबीआई ने सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा 2012, पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा 2012, संविदा स्कूल शिक्षक भर्ती (समूह-2) परीक्षा 2011 और वन रक्षक भर्ती परीक्षा 2013 में कथित गड़बड़ियों को लेकर उनके खिलाफ मामला दर्ज किया. एजेंसी ने शर्मा के खिलाफ कुल चार मामले दर्ज कर अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया, जिसके बाद उन्होंने उच्च न्यायालय की रूख किया.

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