Digital Transactions Increased: डिजिटल लेनदेन में यूपी ने तोड़ा रिकार्ड
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Digital Transactions Increased
Digital Transactions Increased: कैस पेमेंट करने में पहले नोट गिनने की टेंशन फिर चेंज की झिकझिक, वहीं ऑनलीइन पेमेंट में बस नंबर डाला और बड़ी ही आसानी से पेमेंट कर दिया। शायद टहीं कारण है कि यूपी में डिजिटल लेनदेन में जबरदस्त वृध्दि Digital Transactions Increased हुई है। पीछले एक सालों में उत्तर प्रदेश के लोगों ने पैसे की लेनदेन के लिए डिजीटल यानी ऑनलाइन प्लैटफार्म का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया है। जिसका नतीजा यह रहा कि डिजिटल बैकिंग पीछले एक साल में तीन गुना, पांच साल में छह गुना बढ़ा है और प्रति व्यक्ति डिजिटल लेनदेन में यूपी का देश में चौथा स्थान है।
इसके साथ ही यूपी में नकद लेनदेन भी बढ़ा है और नोटबंदी के बाद से करेंसी भी दोगुनी बढ़ी है। राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति के मुताबिक पिछले साल 426.68 करोड़ डिजिटल लेनदेन यूपी में हुए थे। इस साल ये संख्या बढ़कर 1174.32 करोड़ हो गई। एक साल की ये तेजी कोरोना काल से भी ज्यादा है।
क्या है बढ़ोतरी की वजह
देश के विकास के साथ ही शहरों के साथ-साथ गांवों में भी सुविधाएं मिल पा रहीं हैं। डिजिटल बैंकिंग तक आसान पहुंच, गांवों में इंटरनेट कनेक्टिविटी, वित्तीय साक्षरता और लेनदेन के लिए पर्याप्त संख्या में उपकरण हैं। राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति के अनुसार, कोविड के बाद कैशलेस लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए बैंक आधार और रूपे कार्ड का उपयोग करके जमा और कार्ड भुगतान पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
ग्राहकों की सुविधा के लिए असरदार रहा अभियान
ग्राहकों की सुविधा के लिए राज्य के सभी क्षेत्रों के बैंकों ने मोबाइल बैंकिंग, यूपीआई, भीम ऐप, इंटरनेट बैंकिंग और डेबिट कार्ड पर अभियान शुरू किया है। इसका परिणाम यह हुआ कि यूपी में डिजिटल लेनदेन करने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है।
डिजिटल रूप से पिछड़े आठ जिलों-बहराइच,बलरामपुर,चंदौली,चित्रकूट,फतेहपुर,श्रावस्ती,सिद्धार्थनगर और सोनभद्र के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया गया है। परिणाम से पता चला कि फ़तेहपुर, चित्रकूट और सोनभद्र ने योजना से औसतन दोगुनी सफलता हासिल की है।
डिजिटल के साथ-साथ नकदी में भी बढ़ोतरी
आरबीआई के मुताबिक, नोटबंदी के बाद करेंसी छापने में कमी नहीं आई है। बाजार में नकद भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। इस वर्ष सितंबर तक बाजार में करीब 33 लाख करोड़ रुपये की नकदी प्रवाह में है।
इसमें करीब 25.81 लाख करोड़ रुपये अकेले 500 के नोट हैं। नोटबंदी के बाद वर्ष 2017-18 में लगभग 17 लाख करोड़ रुपये बाजार में थे। इसमें करीब 7.70 लाख करोड़ रुपये पांच सौ के थे।
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इस तरह से हो रहा डिजिटलीकरण
वर्ष | डिजिटल लेनदेन | वृद्धि |
18-19 | 161.69 करोड़ | 31.63 फीसदी |
19-20 | 189.07 करोड़ | 16.93 फीसदी |
20-21 | 391.02 करोड़ | 106.81 फीसदी |
21-22 | 426.68 करोड़ | 9.11 फीसदी |
2023 | 1174.32 करोड़ | 175 फीसदी |
प्रति व्यक्ति डिजिटल लेनदेन में चौथे स्थान पर यूपी आ गया है। कर्नाटक जैसे राज्य भी यूपी से नीचे खिसक गए हैं। राजस्थान और मध्य प्रदेश मिलाकर भी यूपी आगे है।
प्रदेश | प्रति व्यक्ति डिजिटल लेनदेन |
आंध्र प्रदेश | 17.68 |
हरियाणा | 12.42 |
दिल्ली | 09.31 |
यूपी | 07.73 |
महाराष्ट्र | 06.94 |
कर्नाटक | 06.53 |
राजस्थान | 02.30 |
मध्य प्रदेश | 02.10 |
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