
Delhi News: गर्मियों का मौसम शुरू होते ही दिल्ली में पानी का संकट गहराने लगा है। अभी से कई इलाकों में पानी की सप्लाई में किल्लत आने लगी है। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जल प्रबंधन का काम सीधे अपने हाथों में लेने का निर्णय किया है। सोमवार को जल मंत्री सौरभ भारद्वाज और जल बोर्ड के शीर्ष अधिकारियों की बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि जल बोर्ड प्रतिदिन शोधित जल की मात्रा और अंतिम उपयोगकर्ता तक पेयजल पहुंचने की मात्रा की जानकारी मुख्यमंत्री से साझा करेगा। यह लक्ष्य भी निर्धारित किया गया है कि अगले वर्ष तक एसटीपी संयंत्रों में शोधित जल की मात्रा 950 एमजीडी तक कर दी जाए, जिससे राजधानी का जल संकट दूर किया जा सके।
एक बड़ा निर्णय लेते हुए आरओ प्लांट से जल लेने वालों के लिए आरएफ आईडी कार्ड जारी किये जाने का निर्णय लिया गया है। बताया जा रहा है कि इससे आरओ प्लांट से जल पर निर्भर लोगों की सही संख्या का पता लगाया जा सकेगा। इससे आरओ प्लांट के माध्यम से होने वाली जल की खपत और बाद में इसके उत्पादन में भी मदद मिलेगी। पहले चरण में अलग-अलग स्थानों पर 500 आरओ प्लांट लगाए जाएंगे। यह सुविधा दिल्ली सरकार और पीपीपी सहयोग से चलाई जा सकती है।
पानी की बड़ी खपत पार्कों और सड़कों के किनारे लगे पौधों को सींचने में भी होती है। यह लक्ष्य निर्धारित किया गया है कि एसटीपी संयंत्रों द्वारा शोधित जल की पूरी खपत कर इस मद में एसटीपी संयंत्रों द्वारा शोधित जल का पूरा-पूरा उपयोग किया जाए। सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) की क्षमता बढ़ाने पर काम चल रहा है। कहा गया है कि अगले साल तक एसटीपी की क्षमता बढ़कर 950 एमजीडी तक हो जाएगी। यह दिल्ली में सामान्य दिनों में होने वाली जल की कुल खपत के बराबर है।
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