Uncategorized

Kawardha: गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने किया घेराव, पुलिस के साथ झड़प में एसपी सहित 30 से अधिक पुलिसकर्मी घायल

Kawardha: छत्तीसगढ़ के कवर्धा में आदिवासी समुदाय के मंदिर में झण्डा लगाने को लेकर जमकर विवाद हो गया है। यहां दो गुटों में जमकर मारपीट हुई और बीचबचाव करने पहुंची पुलिसकर्मीयों पर भी हमला किया गया। हमले में एसपी लाल उमेद और एएसपी मनीषा रावटे सहित कई टीआई और जवान घायल हो गए।

झण्डा लगाने के नाम पर हुआ विवाद

कवर्धा के भोरमदेव के हर्मो गांव में आदिवासी समुदाय के मंदिर में झण्डा लगाने के नाम पर विवाद हुआ है। दरअसल, गांव के लोग मंदिर में धार्मिक झण्डा लगाने के पक्ष में थे तो वहीं गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के लोग अपने पार्टी का झण्डा लगाना चाहते थे। ग्रामीणों के विरोध से गुस्साए गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के लोगों ने उन पर लाठी डण्डे से हमला कर दिया।

पुलिसकर्मियों पर भी हुआ पथराव

घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस घटनास्थल पर पहुंची। पुलिस ने बीचबचाव की कोशिश की तो गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के लोगों ने उन पर भी हमला कर दिया। उन्होंने पुलिसकर्मियों पर पथराव भी कर दिया जिसमें एसपी लाल उमेद सिंह चोटिल हो गए। एएसपी मनीषा रावटे के हाथों में फ्रैक्चर हो गया है। डीएसपी कमल किशोर वासनिक और टीआई मुकेश यादव सहित करीब 30 पुलिस जवान बुरी तरीके से घायल हुए हैं।

पुलिस ने हालात पर पाया काबू

पुलिस बल ने भीड़ को तितर-बितर करने का प्रयास किया लेकिन उग्र भीड़ पुलिस पर लाठी बरसाते हुए विवादित स्थल तक पहुंचने का प्रयास करने लगी। इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस का प्रयोग किया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस बल को गांव में बुलाया गया। इसके बाद पुलिस ने हालात पर काबू पाया। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के जिला अध्यक्ष जे लिंगो सहित 150 से अधिक लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने प्रदेश के अन्य जिलों और मध्य प्रदेश से कार्यकर्ताओं लोगों को यहां बुलाकर मारपीट को अंजाम दिया गया है।

कलेक्टर को दिया ज्ञापन

जानकारी के अनुसार गौरी चौरा स्थल पर बूढ़ा देव की पूजा ग्राम के आदिवासी समाज द्वारा की जाती है। पिछले वर्ष इसी पूजा स्थल पर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के जिला अध्यक्ष जे लिंगो ने अपना एकाधिकार स्थापित करने के उद्देश्य से अपने आराध्य बड़ादेव का झंडा भी लगा दिया था। इस वर्ष 14 फरवरी को ग्रामीणों ने एक सामाजिक कार्यक्रम में अपने समाज प्रमुख तिवर्ता कोरबा से आए दुर्गे भगत के नेतृत्व में पूजा अर्चना कर अपना झंडा लगा दिया। इसके बाद गोंडवाना स्टूडेंट यूनियन ने दुर्गे भगत पर कार्रवाई की मांग को लेकर 15 फरवरी और 20 फरवरी को कलेक्टर को ज्ञापन दिया। उन्होंने 23 फरवरी को दुर्गे भगत का पुतला दहन भी किया। 28 फरवरी को फिर ज्ञापन देकर 3 मार्च को महा आंदोलन की चेतावनी दी गई।

इस बीच पुलिस और प्रशासन ने मामले के शांतिपूर्ण समाधान के लिए 2-3 बार बैठक भी बुलाई, लेकिन गोंडवाना गणतन्त्र पार्टी के ज़िला प्रमुख इसमें नहीं पहुंचे।

ये भी पढ़े: आंगन से 2 साल के बच्‍चे को उठा ले गया भेड़िया, मां ने किया 3 किमी तक पीछा नहीं बचा पाई मासूम की जान

Related Articles

Back to top button