
भारत ने पर्यावरण, श्रम, डिजिटल व्यापार और सार्वजनिक खरीद जैसे मुद्दों पर संभावित प्रतिबंधों की चिंताओं को लेकर इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क (Indo-Pacific Economic Framework) के अंतराष्ट्रीय व्यापार संगठन में शामिल नहीं होने का फैसला किया है।
केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने एक बयान में कहा कि आपूर्ति श्रृंखला, कर और भ्रष्टाचार विरोधी और स्वच्छ ऊर्जा से संबंधित चार स्तंभों में से तीन पर, भारत परिणाम के साथ सहज था और डिक्लेरेशन में शामिल हो गया है। यह अंतराष्ट्रीय व्यापर संगठन जो मुख्य रूप से व्यापार से संबंधित है।
एक स्तंभ जो मुख्य रूप से व्यापार से संबंधित है उस पर केंद्रीय मंत्री ने कहा सभी विषयों की रूपरेखा विशेष रूप से पर्यावरण, श्रम, डिजिटल व्यापार और सार्वजनिक खरीद पर आवश्यक प्रतिबद्धताओं पर अभी भी उभर रही हैं।
केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा, ‘हमें यह देखना होगा कि सदस्य देशों को क्या लाभ मिलेगा और क्या पर्यावरण जैसे पहलुओं पर कोई शर्त विकासशील देशों के साथ भेदभाव कर सकती है, जिनके पास हमारी बढ़ती अर्थव्यवस्था की जरूरतों को पूरा करने के लिए कम लागत और सस्ती ऊर्जा प्रदान करने की अनिवार्यता है।
वाणिज्य मंत्री ने यह भी रेखांकित किया कि भारत अपने स्वयं के डिजिटल ढांचे और कानूनों को मजबूत करने की प्रक्रिया में है और विशेष रूप से गोपनीयता और डेटा के संबंध में। उन्होंने कहा कि इसलिए भारत, आईपीईएफ में व्यापार ट्रैक के साथ जुड़ना जारी रखते हुए अंतिम रूपरेखा के उभर कर आने के लिएकी प्रतीक्षा करेगा। इस बीच अधिकारी खुले दिमाग से और भारत में लोगों और व्यवसायों के सर्वोत्तम हित में चर्चा में भाग लेंगे।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विकसित देशों की कुछ जिम्मेदारियां भी इस तरह के किसी भी समझौते का एक अभिन्न अंग होनी चाहिए और यह एक ऐसा मामला है जिसके लिए गहन जुड़ाव की आवश्यकता होगी।