बड़ी ख़बरराष्ट्रीय

Digital Transactions Fraud: देश में 42 % लोग धोखाधड़ी के शिकार, 74 % लोगों को नहीं मिली राशि

नई दिल्ली। देश और दुनिया का डिजिटलीकरण बढ़ने के साथ ही वित्तीय गड़बड़ी के मामलों में भी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। देश में पिछले तीन साल में 42 फीसदी उपभोक्ता किसी न किसी तरह की वित्तीय धोखाधड़ी के शिकार हुए हैं। साथ ही इसमें 74 फीसदी ऐसे हैं जो राशि वापस पाने में असफल रहे।

लोकल सर्किल द्वारा कराए गए सर्वे में लोगों से पूछा गया कि क्या वह या उनके परिवार के सदस्य पिछले तीन साल में किसी वित्तीय धोखाधड़ी के शिकार हुए। उनसे किस तरह की धोखाधड़ी हुई। यह भी जानने की कोशिश की गई। साथ ही उनसे यह भी पता लगाया गया कि क्या धोखाधड़ी के बाद उन्हें पैसे वापस मिले या कोई दूसरा समाधान निकला। लोगों से पहला सवाल यह पूछा गया कि क्या वह या उनके परिवार के सदस्य पिछले तीन साल में वित्तीय धोखाधड़ी के शिकार हुए।

इसके जवाब में 54 फीसदी लोगों ने कहा कि वह या उनके परिवार का कोई भी सदस्य धोखाधड़ी का शिकार नहीं हुआ। जबकि 38 फीसदी लोगों ने कहा कि उनके परिवार का कोई न कोई सदस्य इसका शिकार हुआ।

सर्वे के दूसरे सवाल के जवाब में 10 फीसदी लोगों ने कहा कि धोखाधड़ी के बाद उन्होंने शिकायत दर्ज करवाई। इसके बाद उन्हें अपना पैसा वापस मिला। जबकि 74 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्हें कोई समाधान नहीं मिला। वहीं 36 फीसदी लोगों ने कहा कि उनका मामला अभी भी लंबित है। जबकि 19 फीसदी ने कहा कि उन्हें पैसे वापस कैसे मिले, इसका कोई उपाय नहीं सुझ रहा है। वहीं 19 फीसदी लोगों ने अपने साथ हुई धोखाधड़ी की शिकायत तक दर्ज नहीं करवाई है। वहीं सात फीसदी लोगों ने कहा कि संबंधित नियामक के पास शिकायत दर्ज कराया और राशि वापस मिली।

लोकल सर्किल्स के इस सर्वे में कुल 32 हजार लोगों से राय ली गई। इनमें 301 जिलों को शामिल किया गया। सर्वे में 43 फीसदी पहली श्रेणी के शहरों से और 27 फीसदी दूसरी श्रेणी के शहरों से थे। बाकि तीसरी और चौथी श्रेणी के शहरों के लोग शामिल हैं। इनमें 62 प्रतिशत पुरुष 38 प्रतिशत महिलाएं लोग शामिल थे।

Related Articles

Back to top button