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दिल्ली: भारत और मालदीव के बीच समझौता ज्ञापन का हुआ आदान-प्रदान, PM मोदी बोले- दोनों देशों के बीच बढ़ी नज़दीकियां

नई दिल्ली: हैदराबाद हाउस में भारत और मालदीव (India and Maldives) के बीच समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने कहा, “पिछले कुछ वर्षों में मालदीव और भारत के बीच नया जोश आया है और दोनों देशों के बीच नज़दीकियां बढ़ी हैं। आज राष्ट्रपति सोलिह के साथ कई विषयों पर चर्चा हुई है।

भारत और मालदीव के बीच समझौता ज्ञापन का हुआ आदान-प्रदान

इस मौके पर पीएम (PM Modi) ने कहा हमने 100 मिलियन डॉलर का अतिरिक्त लाइन ऑफ क्रेडिट देने का निर्णय भी किया है, ताकि सभी परियोजनाएं समय-बद्ध तरीके से पूरी हो सकें। हमने आज ग्रेटर माले में 4000 सोशल हाउसिंग यूनिट्स के निर्माण के प्रोजेक्ट्स का समीक्षा भी की है। मुझे यह घोषणा करते हुए प्रसन्नता है कि हम इसके अतिरिक्त 2000 सोशल हाउसिंग यूनिट्स के लिए भी वित्तीय सहायता प्रदान करेंगे।

दोनों देशों के बीच बढ़ी नज़दीकियां

PM मोदी ने अपने संबोधन में कहा हिंद महासागर में ट्रांस-नेशनल अपराध, आतंकवाद तथा ड्रग्स तस्करी का खतरा गंभीर है और इसलिए रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में भारत और मालदीव के बीच करीबी संपर्क और समन्वय पूरे क्षेत्र की शांति और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है। पिछले कुछ वर्षों में भारत और मालदीव की मित्रता में नया जोश आया है, हमारी नजदीकियां बढ़ीं हैं। महामारी से पैदा हुई चुनौतियों के बावजूद हमारा सहयोग एक व्यापक भागीदारी का रूप लेता जा रहा है। हमने आज ग्रेटर माले में 4000 सोशल हाउसिंग यूनिट्स के निर्माण के प्रोजेक्ट्स का रिव्यु भी किया। हम इसके अतिरिक्त 2000 सोशल हाउसिंग यूनिट्स के लिए भी financial support देंगे। हमने 100 मिलियन डॉलर की अतिरिक्त Line of Credit देने का निर्णय भी किया है।

पिछले कुछ वर्षों में भारत और मालदीव की मित्रता में नया जोश आया

आगे उन्होनें कहा Indian Ocean में ट्रांस-नेशनल अपराध, आतंकवाद तथा ड्रग्स तस्करी का खतरा गंभीर है। इसलिए, रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में भारत और मालदीव के बीच करीबी संपर्क और समन्वय पूरे क्षेत्र की शांति और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण हैं। आज भारत-मालदीव पार्टनरशिप न सिर्फ दोनों देशों के नागरिकों के हित में काम कर रही है, बल्कि क्षेत्र के लिए भी शांति, स्थिरता और समृद्धि का स्रोत बन रही है। मालदीव की किसी भी जरूरत या संकट में भारत first responder रहा है और आगे भी रहेगा।

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