
नई दिल्ली: सोमवार को राकेश अस्थाना की नियुक्ति का बचाव करते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दिल्ली उच्च न्यायालय में कहा कि जनहित याचिका दायर करना अपने आप में एक उद्योग और करियर बन गया है। कोर्ट में बहस के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, पीआईएल एक उद्योग है। यह अपने आप में एक करियर है, जिसकी परिकल्पना संविधान द्वारा नहीं की गई थी।
कुछ नागरिकों में सरकार चलाने की इच्छा
आगे उन्होंने कहा कि इस देश के कुछ नागरिकों में सरकार चलाने की इच्छा है। वे इस तरह की जनहित याचिका दायर करके अपनी अधूरी इच्छाओं को पूरा करते हैं कि ‘यह नियुक्ति गलत क्यों है, यह नीति गलत क्यों है’। यह चुनी हुई सरकार को तय करना है’
केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा अस्थाना की प्रतिनियुक्ति, सेवा विस्तार और उन्हें दिल्ली के पुलिस आयुक्त के रूप में नियुक्त करने के आदेश को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान हलफनामा प्रस्तुत किया गया था।
बता दें राकेश अस्थाना ने उच्च न्यायालय में दायर एक हलफनामे में बताया था कि एनजीओ कॉमन कॉज और सीपीआईएल उनके खिलाफ एक दुर्भावनापूर्ण अभियान में लगे हुए हैं और लगातार उनके खिलाफ अदालतों में याचिका दायर कर रहे हैं।