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Vastu Tips: दक्षिणमुखी मकान के दुषप्रभाव से बचने के आजमाएं ये वास्तु उपाय

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South facing house: दक्षिण दिशा का द्वार शुभ नहीं माना जाता है। मान्यता है कि ऐसे मकानों में सुख शांति नहीं रहती, लोगों को बीमारियां घेरे रहती है। तरक्की बाधित होती है।

दक्षिणमुखी मकान दुषप्रभाव
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कहा जाता है वास्तु शास्त्र में दक्षिणमुखी मकान (South facing house)शुभ नहीं माना जाता। जिस कारण लोग प्रयास करते हैं कि इस घर व दुकान दक्षिणमुखी न हो। लेकिन कई बार जाने-अनजाने में या मजबूरी के चलते ऐसा करना पड़ता है। जिस कारण लोग इस बात से परेशान हो जाते हैं कि उन्हें इसके चलते अशुभ प्रभावों का सामना करना पड़ता है। मगर क्या आप जानते हैं कि कुछ ऐसी परिस्थितियां भी होती हैं, जब दक्षिणमुखी मकान दुषप्रभाव नहीं देते। या कई बार ये भी कहा जाता है कुछ स्थितियां होती हैं जब इस दिशा का दोष खत्म हो जाता है।

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आपको लग रहा है कि आपका दक्षिणमुखी मकान दुषप्रभाव दे रहा है तो आप वास्तु में बताए गए कुछ उपाय कर सकते हैं। यहां जानिए कौन से है वो खास उपाय जो दक्षिणमुखी मकान के दुष्प्रभाव से बचाव करते है।

  • वास्तु के अनुसार मंगल की दिशा दक्षिण मानी गई है। इससे जुड़ी शुभ प्रभाव पाने के लिए दक्षिण दिशा में नीम का एक बड़ा सा वृक्ष जरूर होना चाहिए।
  • द्वार के ऊपर पंचमुखी हनुमानजी का चित्र भी लगाएं। कहा जाता है द्वार के ठीक सामने आशीर्वाद मुद्रा में हनुमान जी की मूर्ति अथवा तस्वीर लगाने से भी दक्षिण दिशा की ओर मुख्य द्वार के वास्तुदोष का नाश होता है।
  • बगीचे में छोटे पौधे पूर्व- ईशान में लगाने से भी दक्षिण का दोष कम हो जाता है।
  • आग्नेय कोण का मुख्यद्वार यदि लाल या मरून रंग का हो, तो श्रेष्ठ फल देता है। इसके अलावा हरा या भूरा रंग भी चुना सकते है। किसी भी परिस्थिति में मुख्यद्वार को नीला या काला रंग न करें।
  • यदि आपका द्वार दक्षिण दिशा की ओर है तो भगवान गणेश को दो प्रतिमाएं लाकर एक को अंदर की ओर और दूसरी को बाहर की ओर मुख करके इस तरह से लगाएं कि भगवान गणेश की पीठ के दर्शन न हो। द्वार पर गणेश जी की प्रतिमा लगाने ओर शुभ चिन्ह स्वास्तिक बनाने से घर में सकारात्मकता आती है।

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