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कोटखाई केस से जुड़े मामले में IG सहित 8 पुलिसकर्मी दोषी करार, 27 जनवरी को सुनाई जाएगी सजा

Chandigarh : हिमाचल प्रदेश के कोटखाई में साल 2017 में नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार व हत्या का एक आरोपी सूरज 18 जुलाई 2017 को पुलिस थाने में मृत पाया गया था।

हिमाचल प्रदेश के चर्चित रेप और मर्डर मामले से जुड़े एक मामले में चंडीगढ़ की सीबीआई अदालत ने फैसला सुनाया है। इस मामले में हिमाचल प्रदेश के आईजी जहूर जैदी समेत आठ पुलिसकर्मियों को दोषी करार दिया है। वहीं एसपी डी नेगी को अदालत ने बरी कर दिया है इस मामले में 27 जनवरी को दोषियों को सजा सुनाई जाएगी। हिमाचल प्रदेश के कोटखाई में साल 2017 में नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार और हत्या का एक आरोपी सूरज 18 जुलाई 2017 को कोटखाई पुलिस थाने में मृत पाया गया था। इस मामले में जैदी और सात अन्य को गिरफ्तार किया गया था।

कांस्टेबल रंजीत सटेटा को भी दोषी ठहराया

अदालत ने आईजी जहूर जैदी के साथ ही डीएसपी मनोज जोशी, तत्कालीन उपनिरीक्षक राजिंदर सिंह, तत्कालीन सहायक उपनिरीक्षक दीपचंद शर्मा, तत्कालीन हेड कांस्टेबल मोहन लाल, सूरत सिंह, रफी मोहम्मद और तत्कालीन कांस्टेबल रंजीत सटेटा को भी दोषी ठहराया हैं।

सीबीआई के लोक अभियोजक अमित जिंदल ने बताया कि आरोपियों को भारतीय दंड संहिता आईपीसी की धारा 302 हत्या के साथ 120-बी, 330 स्वीकारोक्ति करवाने के लिए जानबूझकर चोट पहुंचाना, 348 स्वीकारोक्ति करवाने के लिए गलत तरीके से बंधक बनाना और 195 झूठे साक्ष्य देना सहित अन्य धाराओं के तहत दोषी ठहराया गया है।

मामला दर्ज किया गया

चार जुलाई 2017 को कोटखाई में एक 16 वर्षीय लड़की लापता हो गई थी और लड़की का शव दो दिन बाद छह जुलाई को हलैला के जंगलों में मिला था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बलात्कार और हत्या की पुष्टि हुई और मामला दर्ज किया गया।

हिमाचल प्रदेश में भारी जनाक्रोश के बीच तत्कालीन राज्य सरकार ने जैदी की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल का गठन किया था। एसआईटी ने छह लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें से सूरज की पुलिस हिरासत में मौत हो गई। पुलिस अधिकारियों ने सूरज की हत्या के लिए राजिंदर सामूहिक बलात्कार मामले के एक आरोपी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। हिमाचल प्रदेश के हाई कोर्ट ने दोनों मामलों की जांच सीबीआई को सौंप दी इसके बाद सीबीआई ने हिरासत में हुई मौत के सिलसिले में जैदी, डीसीपी जोशी और अन्य पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया।

चंडीगढ़ स्थानांतरित कर दिया

सीबीआई ने आपराधिक साजिश, हत्या, झूठे साक्ष्य,सबूत नष्ट करने, कबूलनामा लेने के लिए पुलिस हिरासत में यातना देने, झूठे रिकॉर्ड तैयार करने आदि के लिए गहन जांच के बाद आरोपी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया। बाद में शीर्ष अदालत ने मई 2019 में हिरासत में हुई मौत से संबंधित मामले को शिमला से चंडीगढ़ स्थानांतरित कर दिया।

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