Uttar Pradesh

UP: इटावा नगर निकाय चुनाव को लेकर सपा ने आखिरी समय में बदला टिकट

इटावा में सदर नगरपालिका सीट पर नामांकन के आज आखिरी दिन बड़ा ही दिलचस्प मामला देखने को मिला है। सपा ने अपने गृह जनपद में उम्मीदवार को लेकर बड़ा उलट फेर किया है। सपा से बागी रहे कुलदीप गुप्ता की पत्नी को नामांकन के आखिरी दिन टिकट देकर सपा से नामांकन करवा दिया। वहीं बसपा ने भी सपा से टिकिट कटने वाले इदरीस अंसारी की पुत्र वधु गुलनाज बेगम को बसपा से चुनाव मैदान में उतार दिया है।

सुबह तक सपा से उम्मीदवार गुलनाज बेगम सैफई में मुलायम सिंह यादव की समाधि पर श्रद्धांजलि लेने पहुंची थी, जिसके थोड़े ही देर बाद उनका टिकिट काट दिया गया है। इटावा नगरपालिका परिषद की उम्मीदवार के रूप में जिन गुलनाज बेगम को टिकट दिया गया था। वह शिवपाल सिंह यादव के बेहद करीबी इदरीस अंसारी की पुत्रवधू है और ऐसा कहा गया था कि शिवपाल सिंह यादव ने ही उनका टिकट समाजवादी पार्टी से कराया है। लेकिन जैसे ही गुलनाज बेगम का टिकट घोषित हुआ।

वैसे ही इस बात की आमतौर पर चर्चाएं इटावा में शुरू हो गई कि गुलनाज निगम कहीं ना कहीं कमजोर उम्मीदवार हैं। जिसको लेकर के समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम की ओर से एक संचालन समिति गठित की गई। भारतीय जनता पार्टी ने कुसुम दुबे को दिया टिकट इस संचालन समिति में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने फूफा डॉ अजंट सिंह, इटावा जिला पंचायत अध्यक्ष अभिषेक यादव, समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष गोपाल यादव, समेत 10 सदस्य कमेटी का गठन किया था। लेकिन रविवार को जैसे ही भारतीय जनता पार्टी ने कुसुम दुबे का टिकट घोषित किया।

उसके बाद समाजवादी पार्टी हाईकमान ने टिकट को बदलने पर विचार करना शुरू कर दिया। क्योंकि ऐसी चर्चाएं शुरू होने लगी कि गुलनाज बेगम, कुसुम दुबे के मुकाबले काफी कमजोर महसूस की जा रही हैं और इटावा का राजनीतिक समीकरण ऐसा बताया जा रहा है कि इटावा नगर पालिका सीट पर एक लंबे अरसे से समाजवादी पार्टी का कब्जा बरकरार रहा है। 1996, भारतीय जनता पार्टी से जसवंत सिंह वर्मा इटावा नगर पालिका परिषद के चेयरमैन के रूप पर काबिज हुए हैं और 2012 में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में संटू गुप्ता चेयरमैन बने।

आखिरी मौके पर उनका टिकट काट दिया गया गुलनाज बेगम के नामांकन के वक्त इटावा कचहरी पहुंचे। इदरीस अंसारी ने खुला आरोप लगाया कि उनसे धोखे पर रखकर उनके नामांकन पत्र के प्रपत्र वापस ले लिए गए। शिवपाल सिंह ने ही उनकी पुत्रवधू को टिकट दिलवाया था। लेकिन आखिरी मौके पर उनका टिकट काट दिया गया। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि शिवपाल सिंह यादव के ऊपर कहीं ना कहीं किसी बड़ा और प्रभावी दबाव रहा है जिसके कारण उनका टिकट काटा गया है।

इदरीस अंसारी ने कहा कि शिवपाल सिंह यादव के ऊपर किसका प्रभाव है किसका दबाव है यह तो शिवपाल सिंह ही जाने। लेकिन कोई ना कोई ऐसा दबाव जरूर है कि उनकी पुत्रवधू गुलनाज बेगम का टिकट काट दिया गया है। समाजवादी पार्टी ने को धोखा दिया है। इसके लिए ईट का जवाब पत्थर से दिया जायेगा।

रिपोर्ट: चंचल संजय दुबे

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