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4 दिन फरार रहने के बाद गोवा अग्निकांड का आरोपी अजय गुप्ता दिल्ली से हिरासत में

Goa Fire Incident : गोवा के बर्च बाय रोमियो लेन नाइट क्लब में हुए अग्निकांड मामले में गोवा पुलिस ने नई दिल्ली से एक और आरोपी, अजय गुप्ता को हिरासत में लिया है. उसके खिलाफ पहले लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया था. जब पुलिस पहले उसके घर गई थी, वह वहां नहीं मिला था और फरार था. इसके बाद पुलिस ने कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट प्राप्त किया और मंगलवार को उसे गिरफ्तार कर लिया.

गोवा अग्निकांड में 25 लोगों की मौत

गोवा के बर्च बाय रोमियो लेन नाइट क्लब में 7 दिसंबर को फायर शो के दौरान लगी भीषण आग में 25 लोगों की जान चली गई थी. हादसे के बाद क्लब के मालिक गौरव लूथरा और सौरभ लूथरा देश छोड़कर थाईलैंड भाग गए. गोवा पुलिस ने दोनों फरार आरोपियों के पासपोर्ट तुरंत रद्द करने के लिए रीजनल पासपोर्ट ऑफिस को पत्र भेजा है. इसके अलावा, नाइट क्लब के अन्य मालिकों- गुरुग्राम के अजय गुप्ता और ब्रिटिश नागरिक सुरिंदर कुमार खोसला-के खिलाफ भी लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया, ताकि वे भारत छोड़कर भाग न सकें.

अवैध क्लबों पर कार्रवाई

वहीं, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने इस घटना को गंभीर प्रशासनिक और नैतिक चूक बताते हुए जिला प्रशासन और पुलिस को सख्त निर्देश दिए हैं कि राज्य में चल रहे सभी अवैध क्लब, बार और मनोरंजन स्थलों पर तुरंत कार्रवाई की जाए, उन्होंने स्पष्ट किया कि गोवा की सुरक्षा और प्रतिष्ठा के साथ किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा, और जो भी प्रतिष्ठान सुरक्षा मानकों का पालन नहीं करते, उन्हें तुरंत सील या गिरा दिया जाए.

रोमियो लेन बीच शैक गिराया गया

मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के निर्देश पर गोवा पर्यटन विभाग ने वागाटोर में लूथरा ब्रदर्स के अवैध बीच शैक ‘रोमियो लेन’ को गिरा दिया. सरकारी जमीन पर बने 198 वर्ग मीटर के लकड़ी के ढांचे को भारी मशीनरी की मदद से मात्र दो घंटे में पूरी तरह नष्ट कर दिया गया. पुलिस की एफआईआर के अनुसार, फायर शो के दौरान क्लब में कोई फायर एक्सटिंग्विशर, स्प्रिंकलर, इमरजेंसी अलार्म या स्मोक एक्सट्रैक्शन सिस्टम मौजूद नहीं था, और क्लब शुरू होने से पहले कोई फायर ऑडिट भी नहीं किया गया था.

नाइटलाइफ स्थल पर रैंडम जांच

गोवा सरकार ने नाइटक्लब, बार, रेस्तरां, होटल, बीच शैक और इवेंट वेन्यू पर रैंडम जांच के लिए एक नई समिति का गठन किया है. इस समिति का नेतृत्व जीसीएस अधिकारी करेंगे और इसमें पुलिस इंस्पेक्टर, फायर ऑफिसर, पीडब्ल्यूडी और बिजली विभाग के इंजीनियर शामिल हैं. समिति फायर सर्टिफिकेट, सुरक्षा उपकरण, इमरजेंसी एग्जिट, वायरिंग, अधिकतम क्षमता और साउंड नियमों की जांच करेगी और मासिक रिपोर्ट डीएम को सौंपेगी. इसके अलावा, राज्य सरकार ने लाइसेंसिंग और सुरक्षा मानकों में सुधार के लिए एक अलग समिति भी बनाई है.

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