राष्ट्रीय

लाल कृष्ण आडवाणी की Ayodhya Rath Yatra की कहानी

Advani Rath Yatra Story: 

सालों के इंतजार के बाद, 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होगी। प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। भक्त जन धीरे-धीरे अयोध्या पहुंच रहे हैं। पूरे देश में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए जश्न का माहौल है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस समारोह की नींव तीन दशक पहले लालकृष्ण आडवाणी ने रथ यात्रा के साथ रखी थी, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सारथी के रूप में शामिल थे।

राम मंदिर की अलख जगाई

इसी रथ यात्रा के साथ लालकृष्ण आडवाणी ने देश में राम मंदिर की अलख जगाई थी, आज उस रथ के निर्माण की कहानी सामने आई है, जिसे रथ बनाने वाले प्रकाश नालावड़े ने खुद की जुबानी सुनाई है। मुंबई के चेम्बूर इलाके में रहने वाले प्रकाश नालावड़े ने बताया कि साल 1990 में उन्हें बीजेपी नेता प्रमोद महाजन ने आडवाणी के लिए रथ बनाने का काम सौंपा था।

यात्रा के लिए रथ बनाने का ऑर्डर

प्रकाश नालावड़े ने बताया कि लालकृष्ण आडवाणी ने 12 सितंबर 1990 को रथ यात्रा की घोषणा की और बताया कि रथ यात्रा 25 सितंबर से शुरू की जाएगी। उनकी इस घोषणा के बाद प्रमोद महाजन अपने साथी मशहूर आर्ट डायरेक्टर शांति देव के साथ मेरे फैब्रिकेशन वर्कशॉप में आए। उन्होंने मुझे रथ यात्रा के लिए इस्तेमाल होने वाले रथ के निर्माण की जिम्मेदारी सौंप दी। हालांकि, पहले उन्हें प्रमोद महाजन की बात पर विश्वास नहीं हुआ कि रामकाज का इतना बड़ा कार्य उनके हिस्से आया है।

10 दिनों के अंदर बनाया रथ

नालावडे ने आगे बताया कि उन्होंने प्रमोद महाजन से कहा था कि मैंने इससे पहले कभी कोई रथ नहीं बनाया है, लेकिन उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की चिंता नहीं और मुझ पर पूरा विश्वास है। इसके बाद शांति देव ने रथ का डिजाइन बनाकर दिया, जिसके हिसाब से 10 दिनों के भीतर मैंने रथ बनाया। प्रकाश नालावडे ने यह भी बताया कि रथ बनाने में उन्हें किन-किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा था।

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