
Houthi Rebels : अमेरिका की तरफ से यमन में हूती विद्रोहियों के खिलाफ लगातार सैन्य कार्रवाई की जा रही है। अमेरिका की तरफ से किया गया यह हमला अब तक का सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है।
यमन में हूती विद्रोहियों को निशाना बनाते हुए अमेरिका ने एक बार फिर घातक बमबारी की है। अमेरिका की तरफ से ताजा हमले हूतियों के कब्जे वाले रास ईसा तेल बंदरगाह पर किए गए हैं। इस अमेरिकी हवाई हमलों में बीस लोगों की मौत हो गई है और 50 लोग घायल हुए हैं। हूती विद्रोहियों ने इस हमले के बारे में जानकारी दी है। अमेरिकी सेना की सेंट्रल कमांड ने भी इन हमलों की पुष्टि की है।
मारे गए लोगों की सर्वाधिक
बता दें कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से आदेश मिलने के बाद अमेरिकी सेना 15 मार्च से हूती विद्रोहियों के खिलाफ ताबड़तोड़ हमले कर रही है। अमेरिकी सेना की तरफ से किए गए हमलों में मारे गए लोगों की सर्वाधिक संख्या है। हूती विद्रोहियों के समाचार चैनल ने हमले के बाद की स्थिति का ग्राफिक फुटेज प्रसारित किया जिसमें घटनास्थल पर कई लाशें बिखरी नजर आ रही हैं।
शांति से रहना चाहते हैं
वहीं अमेरिकी सेना की सेंट्रल कमांड ने एक बयान में कहा कि अमेरिकी सेना ने ईरान समर्थित हूती आतंकवादियों के लिए ईंधन के इस स्रोत को समाप्त करने और उन्हें उस अवैध राजस्व से वंचित करने के लिए यह कार्रवाई की है। अमेरिकी सेना की सेंट्रल कमांड ने कहा कि इस हमले का उद्देश्य यमन के लोगों को नुकसान पहुंचाना नहीं था। यमन के लोग हूतियों से आजादी चाहते हैं और शांति से रहना चाहते हैं।
सना पर कब्जा कर लिया था
आपको बता दें कि हूती विद्रोहियों को अंसार अल्लाह के नाम से भी जाना जाता है। हूती यमन में पूरी तरह से सक्रिय हैं और इसे शिया मुस्लिम विद्रोही गुट माना जाता है। हूती आंदोलन की शुरुआत 1990 के दशक में हुई थी। 2014 से 2015 में हूती विद्रोहियों ने यमन की राजधानी सना पर कब्जा कर लिया था।
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