सोशल मीडिया के विकास से समुदायों में बढ़ी असहिष्णुता : CJI चंद्रचूड़

Mumbai : CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि सोशल मीडिया के बढ़ते दायरे और समुदायों में बढ़ती असहिष्णुता के कारण से पूरे विश्व में ध्रुवीकरण बढ़ रहा है। भारत भी इससे अछूता नहीं है। चंद्रचूड़ ने ‘जमनालाल बजाज पुरस्कार’ समारोह में कहा कि भारत की बहुलवादी संस्कृति और संवाद का माहौल इसे कई उन देशों से अलग बनाता है, जिन्हें उसी अवधि में आजादी मिली थी। लेकिन, वे लोकतंत्र को बरकरार नहीं रख सके।
भारत कोई अपवाद नहीं है
भारत के साथ-साथ कई अन्य देशों को 75 साल पहले औपनिवेशिक शासन से आजादी मिल गई थी। लेकिन, उनमें से कई वास्तविक स्वशासन को प्राप्त करने में नाकाम रहे। जबकि, भारत अपने लोकतंत्र को बनाए रखने में सक्षम रहा। उन्होंने कहा कि वैश्वीकृत दुनिया में आज हम जो ध्रुवीकरण देख रहे हैं, वह दाएं और बाएं तथा मध्य के बीच ध्रुवीकरण है, जो हम दुनियाभर में अनुभव करते हैं। भारत कोई अपवाद नहीं है।
CJI चंद्रचूड़ ने क्या कहा?
CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि ध्रुवीकरण केवल मुक्त बाजारों और प्रौद्योगिकी का परिणाम नहीं है। बल्कि, व्यापक लक्ष्य के लिए आत्म-बलिदान के वास्तविक मूल्य को पहचानने में समाज की असमर्थता का कारण भी है। उन्होंने समाज में आत्म बलिदान के मूल्य को समझने के महत्व पर जोर दिया। विशेष रूप से समाज के भीतर हाशिए पर रहने वाले लोगों के लिए बेहतर भविष्य की खोज में।
कानून अत्यधिक भलाई का स्रोत हो सकता है
CJI चंद्रचूड़ ने इस बात पर जोर दिया कि जहां कानून अत्यधिक भलाई का स्रोत हो सकता है, वहीं यह मनमानी का भी स्रोत हो सकता है। उन्होंने कहा कि कानून का प्रभाव इस बात पर निर्भर करता है कि इसका उपयोग कौन करता है और यह उन सामाजिक परिस्थितियों पर निर्भर करता है, जिनमें इसे लागू किया जाता है।
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