सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के खर्च की सीमा तय करने वाली याचिका

Share

New Delhi : शीर्ष न्यायालय ने चुनावों में राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों द्वारा खर्च की सीमा तय करने का आदेश देने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी है। अदालत ने कहा कि यह विधायी नीति संबंधी मामला है। सीजेआई डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि यह विधायी परिवर्तन और नीतिगत मामला है। हम इस तरह की याचिका पर कैसे विचार कर सकते हैं?

याचिका में क्या मांग की गई है?

याचिका में मांग की गई है कि राजनीतिक पार्टियों और उम्मीदवारों द्वारा खर्च की सीमा तय की जाए और नामांकन से पहले प्रिंटेड और पोस्ट किए गए लेखों पर खर्च को सीमित करें। साथ ही, नामांकन दाखिल करने के दौरान की गई रैलियों के खर्च की गणना करें।

पीठ ने क्या कहा?

चन्द्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ में शामिल जस्टिस जे. बी. पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा ने कहा कि ये सभी विधायी नीति के मामले हैं। याचिका में सभी उच्च न्यायालयों को 6 महीने के भीतर चुनाव याचिकाओं पर फैसला करने का निर्देश देने की भी मांग की गई थी।

हम संसद को यह आदेश नहीं दे सकते

पीठ ने कहा कि ये ऐसे मामले नहीं हैं जिन पर हम केवल निर्देश दे सकते हैं। इसके लिए पहले से ही एक कानून है। याचिकाकर्ता ने पीठ को बताया है कि राजनीतिक पार्टियों द्वारा खर्च की कोई सीमा नहीं है। सीजेआई ने कहा कि यह विधायी बदलाव का मामला है। हम संसद को यह आदेश नहीं दे सकते कि आप इस विषय पर कानून बनाएं।

यह सभी नीतिगत मामले हैं

याचिकाकर्ता ने जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 86 का भी हवाला दिया। जो चुनाव याचिकाओं की सुनवाई से संबंधित है। पीठ ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि यह सभी नीतिगत मामले हैं।

यह भी पढ़ें – पीएम मोदी ने संविधान के प्रति जगाई जन-चेतना : रामनाथ कोविंद