
S Jaishankar on Terrorism : विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि राज्य द्वारा प्रायोजित आतंकवाद को बेनकाब किया जाना चाहिए और उसकी स्पष्ट गिनती भी होनी चाहिए. उन्होंने आतंकी हमले में मारे गए निर्दोष लोगों को श्रद्धांजलि दी.
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बीते सोमवार को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में आतंकवाद पर आधारित प्रदर्शनी द ह्यूमन कॉस्ट ऑफ टेररिज्म का उद्घाटन किया. इस दौरान एस. जयशंकर ने आतंकवाद को संरक्षण देने वाले पाकिस्तान पर निशाना साधा. एस. जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद संयुक्त राष्ट्र के सभी सिद्धांतों के विपरीत और मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा है.
इसे सार्वजनिक रूप से उजागर करना बहुत जरूरी
पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा इस सभा के माध्यम से हम आतंकवाद के शिकार परिवारों और प्रियजनों के साथ एकजुटता व्यक्त करते हैं. जब कोई देश अपने पड़ोसी देश के खिलाफ आतंकवाद का समर्थन करता है तो यह कई तरह की अवैध गतिविधियों को भी बढ़ावा देता है. इसे सार्वजनिक रूप से उजागर करना बहुत जरूरी है.
पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा की थी
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा पांच हफ्ते पहले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा की थी. UNSC ने मांग की थी कि इसके अपराधियों को जवाबदेह ठहराया जाए और उन्हें न्याय के कटघरे में खड़ा किया जाए. दुनिया को कुछ बुनियादी अवधारणाओं पर एक साथ आना चाहिए. आतंकवादियों को किसी भी प्रकार की छूट नहीं दी जाएगी. परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकना चाहिए. राज्य प्रायोजित आतंकवाद को उजागर किया जाना चाहिए और उसकी गिनती की जानी चाहिए.
लेकिन दृढ़ प्रयास है जो अब हमारे बीच नहीं
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, “यह प्रदर्शनी उन लोगों को आवाज देने का एक विनम्र, लेकिन दृढ़ प्रयास है जो अब हमारे बीच नहीं है. उन लोगों को श्रद्धांजलि है जो हमसे दूर हो गए हैं और आतंकवाद के कहर से सामाप्त हो गए. इस सभा के माध्यम से हम आतंकवाद के शिकार परिवारों और प्रियजनों के साथ एकजुटता और संवेदना प्रकट करते हैं.
तीस जून से दो जुलाई तक अमेरिका की यात्रा पर रहेंगे
वहीं विदेश मंत्रालय के मुताबिक विदेश मंत्री एस जयशंकर अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के आमंत्रण पर तीस जून से दो जुलाई तक अमेरिका की यात्रा पर रहेंगे. अमेरिका में वे क्षेत्रीय और वैश्विक विकास विशेष रूप से हिंद-प्रशांत क्षेत्र से संबंधित मुद्दों पर बात करेंगे. क्वाड में भारत के अलावा अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं. यह समूह एक प्रमुख मंच के रूप में उभरा है, जो हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करने पर केंद्रित है.
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