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जहां जमीन कभी नहीं सोती: इस खतरनाक जोन में हर पल फूट सकती है तबाही! जानिए ‘Ring of Fire’ का खौफनाक सच

Ring of Fire : जरा सोचिए धरती के नीचे लगातार कुछ खदबदा रहा है. कहीं से आग की लपटें निकल रही हैं, तो कहीं जमीन अचानक हिल रही है. तो वहीं समुद्र की शांत सतह एक पल में उठकर तबाही का रूप ले लेती है. यह कोई साइंस फिक्शन फिल्म नहीं, बल्कि धरती का एक असली इलाका है, जिसे कहा जाता है “Ring of Fire” यानी “आग की अंगूठी”

यह इलाका सिर्फ नाम से ही नहीं, असल में भी आग, भूकंप और सुनामी का घर कहा जाता है. यहां धरती की परतें आपस में टकराती हैं, फटती हैं, और विस्फोट करती हैं. वहीं जब ऐसा होता है, तो पूरी दुनिया उसकी गूंज महसूस करती है. हम इस लेख में जानेंगे कि आखिर क्या है ये ‘Ring of Fire’? क्यों ये इलाका इतना भूकंप-सुनामी से मशहूर है? और क्या इसका असर हम पर भी पड़ता है?

क्या है Ring of Fire?

दरअसल Ring of Fire धरती का एक ऐसा इलाका है जो प्रशांत महासागर के चारों ओर फैला हुआ है. यह एक बड़ा-सा घेरा बनाता है, जिसकी लंबाई करीब 40,000 किलोमीटर है. दिलचस्प बात ये है कि दुनिया में जितने भी भूकंप और ज्वालामुखी होते हैं, उनमें से ज्यादातर इसी इलाके में आते हैं. इतना ही नहीं इसमें कई बड़े देश शामिल हैं, जैसे अमेरिका का कैलिफोर्निया, जापान, इंडोनेशिया, न्यूजीलैंड, चिली और पेरू यानी साफ अल्फाजों में कहा जाए तो ये एक ऐसा इलाका है जहां धरती सबसे ज्यादा हलचल में रहती है.


इसे ‘आग की अंगूठी’ क्यों कहते हैं?

Ring of Fire में दुनिया के लगभग 75% सक्रिय ज्वालामुखी पाए जाते हैं। यहां पर धरती की प्लेट्स एक-दूसरे से टकराती हैं, जिससे ज्वालामुखी विस्फोट, भूकंप और सुनामी की घटनाएं बार-बार होती रहती हैं। जब धरती के अंदर की टेक्टॉनिक प्लेटें हिलती हैं, तो भारी उर्जा निकलती है — यही कारण है कि इस इलाके को ‘आग की अंगूठी’ कहा जाता है।


क्यों आता है यहां सबसे ज्यादा भूकंप और सुनामी?

Ring of Fire कोई आम इलाका नहीं है. बल्कि यहां धरती के नीचे हर वक्त कुछ न कुछ चलता रहता है. दरअसल, इस क्षेत्र में कई बड़ी टेक्टॉनिक प्लेट्स (जैसे प्रशांत प्लेट, यूरेशियन प्लेट) आपस में जुड़ी हुई हैं. ये प्लेट्स बिल्कुल शांत नहीं रहतीं, बल्कि लगातार अपनी जगह से सरकती और टकराती रहती हैं.

जब ये प्लेटें आपस में भिड़ती हैं, तो धरती हिलने लगती है. जिसको हम भूकंप कहते है. अगर यह टकराव समुद्र के नीचे होता है, तो पानी अचानक उफन पड़ता है. जिसके बाद समुद्र एक भयानक सुनामी का रूप ले लेता है जो सबकुछ अपने साथ बहा ले जाती है.


भारत पर इसका क्या असर है?

वहीं अगर भारत की बात करें तो भारत Ring of Fire में नहीं आता, लेकिन इसके असर से पूरी दुनिया प्रभावित होती है. जापान, इंडोनेशिया या चिली में आए भूकंप और सुनामी से भारत के समुद्री इलाकों तक हल्का असर पहुंच सकता है. साथ ही, इससे मौसम, समुद्री धाराएं और पर्यावरण पर भी प्रभाव पड़ सकता है.

वैज्ञानिक रिसर्च क्या कहते हैं?

इस क्षेत्र को लेकर कई रिसर्च किये गए हैं. जिसमें इस इलाके को लेकर कुछ खास बातें सामने आई हैं…

टेक्टोनिक प्लेट्स में हलचल: वैज्ञानिकों द्वारा रिसर्च रिपोर्ट की मानें तो इस इलाके में टेक्टोनिक प्लेटों में बहुत तेज गतिविधियां होती हैं. जिसकी वजह से इस इलाके में सबसे ज्यादा भूकंप और ज्वालामुखियों का निर्माण हुआ है. हालांकि टेक्टोनिक प्लेट्स टूटने की वजह से धरती के अंदर मौजूद लावा को बाहर निकलने का मौका मिल जाता है. जिसके चलते यहां सबसे ज्यादा ज्वालामुखी हैं. जैसे माउंट रेडाउट और माउंट स्पर. ये दोनों ज्वालामुखी इन्हीं टेक्टोनिक प्लेट्स का नतीजा हैं.

गौरतबल है कि Ring of Fire हमें ये साफ-साफ दिखाता है कि धरती सिर्फ चट्टानों का गोला नहीं है, बल्कि अंदर ही अंदर ये हर पल सांस भी ले रही है, हिल रही है और जी रही है. वहीं जब हम टेक्नोलॉजी और विज्ञान की ऊंचाइयों पर चढ़ने का गर्व करते हैं, तब ये इलाका हमें चुपचाप याद दिलाता है कि प्रकृति के सामने पूरी दुनिया अब भी बहुत छोटी हैं. हर हलचल, हर विस्फोट, हर लहर यही कहती है कि प्रकृति को हल्के में नहीं लेना चाहिए, क्योंकि जब वो करवट लेती है, तो पूरी दुनिया हिल जाती है.

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