
अहम बातें एक नजर में :
- मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बालिकाओं और महिलाओं को ई-साइकिल वितरित की.
- कार्यक्रम में कहा – “बेटियों की मुस्कान ही हमारी ताकत है.”
- गार्गी पुरस्कार योजना से 3.90 लाख बालिकाओं को लाभ.
- बालिका प्रोत्साहन योजना से लगभग 2 लाख छात्राओं को फायदा.
- लाडो प्रोत्साहन योजना में बेटियों के जन्म पर 1.50 लाख रुपये का सेविंग बॉन्ड.
- अब तक 11 लाख से अधिक छात्राओं को साइकिल दी गई.
- मातृ वंदना योजना की राशि बढ़ाकर 6,500 रुपये की गई.
- आने वाले पांच साल में 10 लाख से अधिक रोजगार अवसर उपलब्ध होंगे.
- ई-साइकिल से बेटियों की पढ़ाई के साथ-साथ फिटनेस को भी मिलेगा बढ़ावा.
Rajasthan E-Cycle Scheme : बेटियां सिर्फ घर की रौनक नहीं होतीं, बल्कि पूरे समाज की पहचान होती हैं. जब कोई बेटी साइकिल पर आत्मविश्वास से स्कूल जाती है या अपने सपनों की ओर बढ़ती है, तो लगता है जैसे भविष्य की नई सुबह खिल रही हो. राजस्थान सरकार ने इसी उजली सुबह को और चमकदार बनाने के लिए एक खास कदम उठाया है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बालिकाओं और महिलाओं को ई-साइकिल देकर न सिर्फ उनकी पढ़ाई आसान की है, बल्कि उनके सपनों को नई रफ़्तार भी दी है. मुख्यमंत्री ने मुस्कुराती बालिकाओं की ओर देखते हुए कहा....
“बेटियों की मुस्कान ही हमारी असली ताकत है”
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा शनिवार को अपने निवास पर आयोजित ई-साइकिल वितरण समारोह में बालिकाओं और कामकाजी महिलाओं को संबोधित कर रहे थे. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि माताएं और बहनें हमारी संस्कृति की धरोहर हैं. वे बच्चों के पालन-पोषण से लेकर बुजुर्गों की सेवा तक हर भूमिका निभाती हैं.

हर बेटी को मिले शिक्षा का अधिकार
सीएम शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू की गई “बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ” मुहिम ने देशभर में लिंगानुपात और शिक्षा में सकारात्मक बदलाव लाए हैं. राजस्थान सरकार भी इस दिशा में लगातार प्रयासरत है कि कोई भी बेटी शिक्षा से वंचित न रहे.
उन्होंने जानकारी दी कि..
- गार्गी पुरस्कार योजना के तहत अब तक 3.90 लाख बालिकाओं को प्रोत्साहन मिला है.
- बालिका प्रोत्साहन योजना से करीब 2 लाख छात्राओं को लाभ हुआ है.
- लाडो प्रोत्साहन योजना के तहत गरीब परिवारों की बेटियों के जन्म पर 1.50 लाख रुपये का सेविंग बॉन्ड दिया जा रहा है.
- अब तक 11 लाख से अधिक छात्राओं को साइकिल उपलब्ध कराई जा चुकी है.
महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण पर जोर
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि महिला सशक्तीकरण केवल शिक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि आर्थिक स्वतंत्रता भी उतनी ही ज़रूरी है. इसी उद्देश्य से राज्य में मुख्यमंत्री नारी शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना और मुख्यमंत्री मातृत्व पोषण योजना संचालित की जा रही हैं.

उन्होंने बताया कि मातृ वंदना योजना में प्रोत्साहन राशि बढ़ाकर 6,500 रुपये कर दी गई है. इसके साथ ही सरकार ने संकल्प लिया है कि आने वाले पांच साल में 10 लाख से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे, जिनमें महिलाओं की भागीदारी अहम होगी.
ई-साइकिल से शिक्षा और फिटनेस दोनों
कार्यक्रम में लाभार्थी छात्राओं और महिलाओं ने अपने अनुभव साझा किए. निजी क्षेत्र में कार्यरत आशा ने कहा कि ई-साइकिल से आने-जाने में समय और पैसे दोनों की बचत होगी. वहीं प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही रितिका ने बताया कि भर्ती परीक्षाओं का कैलेंडर जारी होने और पेपरलीक पर रोक लगने से उनका आत्मविश्वास बढ़ा है.
रितिका ने भावुक होते हुए कहा कि उनके पिता विशेष योग्यजन हैं और मुख्यमंत्री से ई-साइकिल पाकर उन्हें परिवार जैसा स्नेह मिला है. मुख्यमंत्री ने सभी छात्राओं को प्रेरित किया कि वे कठिन परिश्रम और आत्मविश्वास से अपने सपनों को पूरा करें.

उज्ज्वल भविष्य की ओर कदम
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बालिकाओं और कामकाजी महिलाओं को ई-साइकिल वितरित की. कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्राएं और महिलाएं मौजूद थीं. भजनलाल शर्मा ने दोहराया कि राज्य सरकार महिलाओं और बेटियों के उज्ज्वल भविष्य के लिए हर कदम पर उनके साथ खड़ी है.
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