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नीतीश कुमार का राजनीतिक सफर: जंगल राज से विकास और ईमानदारी तक की शानदार कहानी

Nitish Kumar Political Journey : नीतीश कुमार का नाम बिहार की राजनीति में हमेशा ईमानदारी, संघर्ष और विकास के प्रतीक के रूप में लिया जाता है। उनका राजनीतिक सफर 1970 के दशक में शुरू हुआ, जब उन्होंने सीधे जनता के बीच जाकर राजनीति की दुनिया में कदम रखा. अपनी सादगी, मेहनत और ईमानदारी के दम पर उन्होंने जल्द ही लोगों का दिल जीत लिया और जनता में लोकप्रिय नेता के रूप में उभरे उनका यह सफर बताता है कि सच्ची नीयत और दृढ़ संकल्प से किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है


राजनीति में आने की शुरुआत

नीतीश कुमार ने सबसे पहले राज्य के युवा संगठन से जुड़कर राजनीति की शुरुआत की. धीरे-धीरे उनकी कार्यशैली और मेहनत ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई. 1985 में वे पहली बार विधायक बने और इसके बाद से उनका राजनीतिक करियर लगातार ऊंचाइयों की ओर बढ़ता रहा.


20 साल का राजनीतिक अनुभव

नीतीश कुमार का राजनीतिक जीवन करीब 20 वर्षों से अधिक का रहा है. इस दौरान उन्होंने विभिन्न मंत्रिमंडलों में महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाईं. उनके कार्यकाल में बिहार में सड़क, बिजली, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी कई बुनियादी समस्याओं पर ध्यान दिया गया. उनका यह मानना है कि किसी भी राज्य का विकास उसके कानून-व्यवस्था और शिक्षा पर निर्भर करता है.


लालू यादव के साथ मतभेद

राजनीति में नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव की जोड़ी कभी मजबूत रही, लेकिन समय के साथ उनके बीच दूरी बढ़ती गई. लालू के “जंगल राज” के समय बिहार में कानून और व्यवस्था का बड़ा संकट था. अपराध और भ्रष्टाचार ने आम जनता को परेशान कर रखा था.

लालू के “जंगल राज” के दौर में राज्य में कानून और व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई थी. अपराध और भ्रष्टाचार आम जनता की जिंदगी पर भारी पड़ रहे थे और भय का माहौल बन गया था. नीतीश कुमार ने इस अराजकता को चुनौती मानकर राज्य में कानून और व्यवस्था सुधारने का संकल्प लिया. उनकी ईमानदारी, निश्चय और प्रशासनिक कुशलता ने बिहार में अराजकता और भ्रष्टाचार को कम करने में अहम भूमिका निभाई


बिहार में कानून-व्यवस्था की बहाली

नीतीश कुमार ने सत्ता संभालते ही बिहार में कानून और व्यवस्था सुधारने की ठानी. उन्होंने अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई की और भ्रष्टाचार को कम करने के लिए कई कदम उठाए. उनके प्रशासनिक सुधारों और विकास योजनाओं ने बिहार की तस्वीर बदल दी. सड़कें, पुल, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार दिखाई दिया.


विकास और ईमानदारी का प्रतीक

नीतीश कुमार का राजनीतिक सफर केवल सत्ता तक पहुँचने का नहीं, बल्कि जनता की भलाई और राज्य के विकास का रहा है. उन्होंने यह साबित किया कि अगर सही नीयत और मेहनत हो, तो भ्रष्टाचार और अराजकता को मात दी जा सकती है. आज वे बिहार में विकास, सुरक्षा और शिक्षा के प्रतीक माने जाते हैं. नीतीश कुमार की कहानी हमें यह सिखाती है कि सच्ची नीयत, ईमानदारी और मेहनत से किसी भी राजनीतिक चुनौती को पार किया जा सकता है.


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