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वोकल फॉर लोकल से ग्लोबल तक, लाल किले से PM मोदी की आत्मनिर्भरता की पुकार

PM On Atmnirbhar Bharat : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लगातार 12वीं बार लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराते हुए देश को संबोधित किया. स्वतंत्रता दिवस के इस ऐतिहासिक मौके पर उनका 104 मिनट लंबा भाषण पूरी तरह आत्मनिर्भर भारत, युवाओं की भूमिका, एमएसएमई सेक्टर की ताकत और स्थानीय उद्यमों के सशक्तिकरण पर केंद्रित रहा. उन्होंने देशवासियों से वोकल फॉर लोकल को केवल एक नारा नहीं, बल्कि एक जन आंदोलन बनाने की अपील की.

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना आज की सबसे बड़ी जरूरत है, चाहे वह रक्षा हो, ऊर्जा हो, कृषि हो या मैन्युफैक्चरिंग. आत्मनिर्भरता सिर्फ आत्मगौरव नहीं, बल्कि सामर्थ्य का प्रतीक है.


वोकल फॉर लोकल से वैश्विक मंच पर मेड इन इंडिया

प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में स्थानीय उत्पादों और घरेलू उद्योगों की गुणवत्ता को निखारने पर विशेष जोर दिया. उन्होंने कहा कि दुनिया की नजर अब भारत पर है, और यदि हम क्वालिटी में कोई समझौता नहीं करें, तो भारतीय उत्पाद वैश्विक बाजार में अपनी खास जगह बना सकते हैं.

उन्होंने विशेष रूप से एमएसएमई क्षेत्र की तारीफ करते हुए कहा कि यह भारत की रीढ़ है और इसके उत्पाद पूरी दुनिया में निर्यात होते हैं. हमारे एमएसएमई का लोहा पूरी दुनिया मानती है. उनके औजार दुनिया के हर कोने में पहुंचते हैं. अब जरूरत है गुणवत्ता को और मजबूत करने की.

प्रधानमंत्री ने उद्यमियों से आग्रह किया कि वे अपने उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाएं. उन्होंने कहा कि गुणवत्ता से ही साख बनती है और साख से ही पहचान मिलती है. हर निर्माता का मंत्र होना चाहिए – दाम कम, पर दम ज्यादा.

उन्होंने यह भी कहा कि आत्मनिर्भर भारत का अर्थ आत्मकेंद्रित होना नहीं है, बल्कि यह वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में भारत की मजबूती से भागीदारी का रास्ता है. हमें ऐसे प्रोडक्ट्स बनाने हैं जो भारत में भी चलें और दुनिया में भी पसंद किए जाएं.


युवाओं को मिला सीधा संदेश, नीति निर्माण में आमंत्रण

प्रधानमंत्री ने देश के युवाओं को विशेष रूप से संबोधित किया और उन्हें आत्मनिर्भर भारत की नींव बताया. उन्होंने कहा कि अपने आइडियाज को कभी मरने मत देना. मैं आपके साथ हूं. यदि सरकार के नियमों में कोई बदलाव चाहिए, तो आप बताइए. सरकार और मैं स्वयं आपके साथ खड़े हैं.

यह एक स्पष्ट संकेत था कि आने वाले वर्षों में भारत में नीति निर्माण नीचे से ऊपर के मॉडल पर केंद्रित रहेगा, जहां इनोवेटर्स, स्टार्टअप्स और युवा उद्यमियों की बात सुनी जाएगी और जरूरत के मुताबिक नीतियों में बदलाव भी होंगे.

प्रधानमंत्री ने युवाओं से मैन्युफैक्चरिंग, टेक्नोलॉजी और इनोवेशन में भागीदारी की अपील करते हुए कहा कि अब वक्त है भारत को वैश्विक निर्माण हब बनाने का.

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि आत्मनिर्भर भारत किसी एक पार्टी या विचारधारा का एजेंडा नहीं है, यह भारत के 140 करोड़ नागरिकों की सामूहिक आकांक्षा है. उन्होंने सभी राजनीतिक दलों, व्यापारियों और नागरिकों से आग्रह किया कि स्वदेशी को मजबूरी में नहीं, बल्कि मजबूती के लिए अपनाएं.

भारत के लोगों के पसीने से बनी भारत की चीजों में हमारे श्रमिकों की मेहनत की महक होती है. हम वही चीजें खरीदें, तभी देश आगे बढ़ेगा.


देंग शियाओ पिंग का उदाहरण और चीन से तुलना

अपने भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने चीन के नेता देंग शियाओ पिंग का उदाहरण देते हुए बताया कि किस तरह उन्होंने 1970 और 80 के दशक में अपने देश में स्थानीय उत्पादन, गुणवत्ता और उद्यमिता पर ध्यान देकर चीन को आर्थिक महाशक्ति बना दिया. उन्होंने कहा कि चीन ने पूंजीवादी मॉडल से प्रेरणा लेकर अपने समाजवादी मॉडल में सुधार किए और वैश्विक अर्थव्यवस्था में अपनी जगह बनाई.

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत भी अब उसी राह पर है, लेकिन अपने लोकतांत्रिक ढांचे और विविधता के साथ. भारत का लोकतंत्र, प्रतिभा और परंपरा मिलकर दुनिया को भारत की ताकत का एहसास कराएंगे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह भाषण आत्मनिर्भर भारत के विचार को और मजबूत करने वाला था. यह सिर्फ एक विजन नहीं, बल्कि एक कार्य योजना की तरह था, जिसमें युवाओं, उद्यमियों, उद्योगों और आम नागरिकों सभी के लिए एक स्पष्ट संदेश था – अब समय है भारत को भारत के दम पर आगे ले जाने का.


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