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Gyanvapi Survey: ज्ञानवापी सर्वे रिपोर्ट हुई सार्वजनिक, दावा- 17वीं शताब्दी में तोड़ा गया था मंदिर

Gyanvapi Survey: ज्ञानवापी सर्वे को लेकर हिंदू पक्ष ने कई दावे किए हैं। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने गुरूवार (25 जनवरी) को एएसआई की सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक की है। उन्होंने दावा किया कि रिपोर्ट में सामने आया है कि ज्ञानवापी में पहले हिंदू मंदिर था।

जिला अदालत ने गुरुवार रात दस बजे काशी विश्‍वनाथ मंदिर से सटे ज्ञानवापी परिसर में भारतीय पुरातत्‍व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा किए गए सर्वे की रिपोर्ट दोनों पक्षकारों को सौंप दी। रिपोर्ट के मुताबिक मस्जिद बनने से पहले वहां बड़ा हिन्दू मंदिर था।  इस रिपोर्ट के कुल पन्नों की संख्या 839 बताई जा रही है। इस रिपोर्ट को लेकर गुरुवार को विष्णु शंकर ने प्रेस कांफ्रेंस की।

Gyanvapi Survey: सर्वे रिपोर्ट की बड़ी बातें

  • मंदिर को तोड़कर 17वीं शताब्दी में मस्जिद बानाई गई।
  • पहले वहां बने मंदिर में बड़ा केंद्रीय कक्ष और उत्तर की ओर छोटा कक्ष मौजूद था।
  • मस्जिद की पश्चिमी दीवार पूरी तरह हिन्‍दू मंदिर का हिस्‍सा है।
  • मस्जिद का निर्माण मंदिर के खंभों के साथ ही दूसरे हिस्सों में भी ज्‍यादा बदलाव न किए बिना किया गया।
  • कुछ खंभों में हिंदू चिन्ह मौजूद थे जिन्हें मिटाया गया है।
  • सर्वे में 32 शिलापट और पत्‍थर मिले हैं, जो वहां पहले हिन्‍दू मंदिर होने के साक्ष्‍य हैं।
  • शिलापटों पर देवनागरी, तेलुगु और कन्‍नड में शिलालेख  मौजूद है।
  • एक शिलापट में जनार्दन, रुद्र और उमेश्‍वर लिखा है, जबकि दूसरी शिलापट में ‘महामुक्ति मंडप’ लिखा मिला है।
  • शिलापट में लिखे गए निर्माण समय को भी मिटाने की कोशिश की गई है।

हिंदू पक्ष ने की पूजा की अनुमति की मांग

रिपोर्ट मिलने के बाद हिंदू पक्ष ने अपील की है कि अब हिंदू लोगों को वहां पूजा पाठ करने की अनुमति मिलनी चाहिए। जबकि मुस्लिम पक्ष ने कहा है कि वे कानूनी लड़ाई जारी रखेंगे। विष्णु शंकर जैन ने कहा कि मस्जिद के अंदर कई ऐसे साक्ष्य मिले हैं जो वहां मस्जिद से पहले मंदिर होने के दावे को मजबूती देते हैं।

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