पाकिस्तान में शिया मुसलमानों के धार्मिक जुलूस में धमाका, लगभग तीन की मौत, 50 से अधिक घायल

Blast in religious procession of Siya Muslim in Pakistan.

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान में पंजाब प्रांत के बहावलनगर में, शिया मुसलमानों के एक जुलूस में बम-ब्लास्ट हो गया है। वहाँ की मडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शिया मुसलमानों का आशूरा जुलूस निकाला जा रहा था, उसी वक्त सड़क किनारे धमाका हो गया। इस विस्फोट में 50 से अधिक लोग घायल हो गये हैं और कम से कम तीन लोगों के मारे जाने की ख़बर है। बताया जा रहा है कि पाकिस्तान में शिया समुदाय के लोग लंबे समय से निशाने पर रहे हैं।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में दिख रहा है कि पुलिस और एंबुलेस की गाड़ियां घटनास्थल की ओर जा रही हैं। वहीं, कई घायल लोग सड़क के किनारे मदद की आस लिए बैठे हैं। शहर के पुलिस अधिकारी मोहम्मद असद ने बम धमाके की पुष्टि कर दी है।

शिया मुसलमानों ने की बदले की मांग

शिया नेता खावर शफाकत ने हमले की निंदा करते हुए कहा कि “विस्फोट, जुलूस के मुहाजिर कॉलोनी के इलाके में गुजरते समय हुआ, जो कि काफी भीड़-भाड़ वाला इलाका है।“ उन्होंने सरकार से इस तरह के जुलूसों में सुरक्षा-व्यवस्था दुरूस्त करने का आग्रह किया है, क्योंकि देश के अन्य हिस्सों में भी इस तरह के जुलूस हो रहे हैं। लोगों का कहना है, कि विस्फोट के बाद से शहर में तनाव बहुत बढ़ गया है। वहीं, शियाओं ने इस हमले का विरोध करते हुए बदले की मांग की है।

आशूरा जुलूस क्या है?

1. मुहर्रम महीने के दसवें दिन पैगंबर हज़रत मोहम्मद के नवासे, हज़रत इमाम हुसैन ने अपने 72 साथियों के साथ एक धर्मयुद्ध में शहीद होकर, इस्लाम को एक नया जीवन प्रदान किया था।

2. कुछ लोग इस महीने के पहले 10 दिनों तक रोजे रखते हैं। 10 दिनों तक रोजे रखने में अक्षम लोग सिर्फ़ 9वें और 10वें दिन रोजे रख लेते हैं।

3. इस दिन जगह-जगह पानी के प्याऊ और शरबत बांटे जाते हैं। लोगों को इंसानियत का पैगाम दिया जाता है।

4. मुहर्रम का महीना शुरू होने से लेकर आशूरा के दिन तक, लोग इमाम हुसैन के शोक में मातम मनाते हुए जुलूस निकालते हैं। इसलिए इसे मातम का पर्व भी कहा जाता है।

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