Advertisement

मुस्लिम महिलाओं के हक में हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, जानें कबतक मिलेगा पति से गुजारा भत्ता

Share

Muslim Women Act: सेशन कोर्ट ने लोअर कोर्ट के 23 जनवरी 2007 को पारित आदेश को पलटते हुए कहा था कि मुस्लिम वीमेन एक्ट 1986 के आने के बाद याची व उसके पति का मामला इसी अधिनियम के अधीन होगा।

गुजारा भत्ता
Share
Advertisement

इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने मुस्लिम महिलाओं के हक में महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं को भी दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 125 के तहत पति से गुजारा भत्ता पाने का अधिकार है। कोर्ट ने कहा कि तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं को भी दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 125 के तहत पति से गुजारा भत्ता पाने का पूरा अधिकार है।

Advertisement

इद्दत की अवधि के बाद भी गुजारा भत्ता पाने का अधिकार

लखनऊ बेंच ने इस अहम फैसले में कहा है कि मुस्लिम महिलाएं इद्दत की अवधि के बाद भी इसे प्राप्त कर सकती हैं। हाईकोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि तलाकशुदा महिलाओं को यह अधिकार तब तक है जब तक वे दूसरी शादी नहीं कर लेतीं। जस्टिस करुणेश सिंह पवार ने यह फैसला एक मुस्लिम महिला की ओर से दाखिल आपराधिक पुनरीक्षण याचिका पर दिया।

साल वर्ष 2008 में दाखिल इस याचिका में प्रतापगढ़ के एक सेशन कोर्ट के 11 अप्रैल 2008 के आदेश को चुनौती दी गई थी। सेशन कोर्ट ने लोअर कोर्ट के 23 जनवरी 2007 को पारित आदेश को पलटते हुए कहा था कि मुस्लिम वीमेन एक्ट 1986 के आने के बाद याची व उसके पति का मामला इसी अधिनियम के अधीन होगा। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नोट किया कि सीआरपीसी की धारा 125 के तहत प्रावधान लाभकारी कानून हैं और इसका लाभ तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं को मिलना चाहिए।

हाई कोर्ट ने बदला सेशन कोर्ट का फैसला

सेशन कोर्ट ने कहा था कि उक्त अधिनियम की धारा 3 व 4 के तहत ही मुस्लिम तलाकशुदा महिला गुजारा भत्ता पाने की अधिकारी है. ऐसे मामलों में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 125 लागू नहीं होती। हाईकोर्ट ने सेशन कोर्ट के इस फैसले को रद्द करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा शबाना बानो मामले में 2009 में दिए गए निर्णय के बाद यह तय हो चुका है कि मुस्लिम तलाकशुदा महिला को CRPC की धारा 125 के तहत इद्दत की अवधि के बाद भी गुजारा भत्ता पाने का अधिकार है। जब तक कि वह दूसरी शादी नहीं कर लेती। कोर्ट ने इस फैसले के साथ याचिका मंजूर कर ली।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *