
Kuki People : भारत की सामाजिक संरचना में जनजातियों एक बड़ी भूमिका रही है, उन्हीं में से है कुकी समुदाय। जो कि उत्तर – पूर्वी भारत के राज्यों मिजोरम, त्रिपुरा, मणिपुर और असम में मुख्य रूप से निवास करती है। इस समुदाय का अपनी अलग परंपराएं, सामाजिक संरचना और सांस्कृतिक धरोहर है। वे अपनी पारंपरिक कहानियों, कहावतों और गीतों को संजोकर रखते हैं।
मणिपुर के चुराचांदपुर और कांगपोकपी जिले में, मिजोरम के लुशाई हिल्स में, असम के कछार और त्रिपुरा के कुछ क्षेत्रों में कुकी समुदाय के लोगों का निवास है। कुकी समुदाय की अपनी भाषा है जिसे कुकी कहा जाता है। यह भाषा तिब्बत – बर्मी भाषाओं के परिवार से संबंधित है साथ ही इसमें कई उपभीषाएं भी पाई जाती हैं।
पारंपरिक नृत्य
कुकी समुदाय पारंपरिक नृत्य जैसे लुंगलांग और चेराचांद, संगीत, शिल्प और कला उनकी सांस्कृतिक पहचान में शामिल हैं। पारंपरिक आभूषण, वस्त्र और हस्तशिल्प वस्तुएं उनकी सांस्कृतिक विविधता और परंपराओं को दर्शाती हैं। जीवनशैली कृषि पर आधारित है, जिसमें वे धान, मक्का और अन्य फसलों की खेती करते हैं। साथ ही शिकार और मछली पकड़ने जैसे पारंपरिक व्यवसाय भी करते हैं।
इस समुदाय की समृद्ध सांस्कृतिक परंपराएं, धार्मिक विश्वास, और पारंपरिक कला उनके सामाजिक जीवन का अभिन्न अंग हैं। उनकी जीवनशैली और परंपराओं को समझना और उनका संरक्षण करना न सिर्फ उनकी पहचान के लिए जरूरी है, साथ ही यह भारत की सांस्कृतिक विविधता को समृद्ध करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
यह समुदाय अपनी पारंपरिक वेशभूषा में सजने के लिए विभिन्न प्रकार की सजावटी वस्तुओं का उपयोग करते हैं। कुकी जनजाति का धार्मिक विश्वास मुख्य रूप से आत्मा और पूर्वजों की पूजा पर आधारित होता है। वे प्राकृतिक शक्तियों और देवी-देवताओं की पूजा भी करते हैं।
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