भारत में दुनिया को एक करने का सामर्थ्य : जयशंकर

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New Delhi : FICCI की 96वीं AGM में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शिरकत की। अपने संबोधन के दौरान जयशंकर ने कहा कि जब हम दशक के मध्य बिंदु पर पहुंचे, हमने सदी की सबसे बड़ी महामारी को झेला। लेकिन, मैं गर्व के साथ कह सकता हूं कि कोविड महामारी में भारत वास्तव में मजबूती से बाहर निकला। हमने सक्षम और अद्भुत तरीकों के जरिए इस महामारी को मात दिया है।

दुनिया को एक करने का सामर्थ्य

विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि जी-20 के सफल आयोजन ने साबित किया है कि विभाजित दुनिया को सामान्य हित की किसी बात पर सहमत करने की क्षमता भारत में हैं।

बिजनेस सिर्फ बिजनेस नहीं है

जयशंकर ने कहा कि बिजनेस सिर्फ बिजनेस नहीं है, बल्कि उससे कहीं ज्यादा है। यहां मौजूद लोग वास्तव में आधुनिकता और प्रगति के नेता है। आप लोग ही अर्थव्यवस्था का निर्माण करते हैं। मुझे लगता है कि कई मायनों में यह वास्तव में भारत की प्रगति का इंजन है। मैं वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला से अनभिज्ञ नहीं हूं। आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत किए बिना देश मजबूत नहीं हो सकता। हमें आत्मनिर्भर बनना होगा। हमें एक बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर होना है।

भारत का एक आर्थिक आयाम है

वहीं, अपने संबोधन में जयशंकर ने कहा कि वर्तमान युग एक या दो शक्तियों की दुनिया नहीं है, आज कई देश मैदान में है। तथ्य यह है कि आज दुनिया अधिक असुरक्षा की ओर बढ़ रही है। साथ ही, उन्होंने कहा कि मेरे लिए भारत वास्तव में एक विश्वास और एक दृष्टिकोण है। भारत का एक आर्थिक आयाम है। भारत का राजनीतिक, सांस्कृतिक, सामाजिक अर्थ है। भारत शब्द का अर्थ है कि कोई दूसरा आपको परिभाषित न करें। भारत का अर्थ है कि स्वयं को परिभाषित करें। भारत शब्द प्रतीकात्मकता से भरा हुआ है।

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