यूपी में विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान शुरू, CM योगी ने किया शुभारंभ
सीएम योगी ने मंगलवार (3 अक्टूबर) को गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज से विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान का शुभारंभ किया। 31 अक्टूबर तक चलने वाले इस विशेष अभियान के लिए सीएम ने जन जागरूकता प्रचार वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। साथ ही आशा कार्यकत्री व दो आंगनबाड़ीकर्मी को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया। उन्होंने आयुष्मान योजना के चार लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड भी प्रदान किया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की तरफ से वर्ष 2017 से डेंगू, मलेरिया, इंसेफेलाइटिस, कालाजार, चिकनगुनिया जैसे संचारी रोगो के नियंत्रण के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा। छह वर्षों के दौरान इसके बहुत अच्छे परिणाम आए हैं।
‘सरकार ठान ले, लोग सहयोग करें तो सब कुछ मुमकिन‘
सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश की सर्वाधिक आबादी वाला राज्य है। इसमें पूर्वी उत्तर प्रदेश इंसेफेलाइटिस से प्रभावित रहा है। 2017 से पहले बीआरडी मेडिकल कॉलेज में इस मौसम में 500 से 600 मरीज भर्ती रहते थे। प्रतिवर्ष पूरे प्रदेश में 1200 से 1500 बच्चों की मौत इससे होती थी। अकेले बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 500 से 600 बच्चों की मृत्यु इंसेफेलाइटिस से होती थी। अब बीमारी और मौतों को संख्या इतिहास बनने वाली है। उन्होंने कहा कि सरकार ठान ले और लोग साथ दें तो असाध्य कही जाने वाली बीमारी को भी समाप्त होने में बहुत समय नहीं लगता है। इंसेफेलाइटिस इसका उदाहरण है।
‘संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम से डेंगू पर नियंत्रण’
सीएम योगी ने कहा कि आज देश के विभिन्न राज्यों में जहा डेंगू कहर ढा रहा है। वहीं, यूपी में संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम के परिणाम स्वरूप यह नियंत्रण में है। उन्होंने कहा कि इस अभियान में व्यापक जनजागरण के साथ-साथ आशा कार्यकत्री, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, एवं पैरामेडिकल के स्टाफ को जोड़कर स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं।
क्या है विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान?
दरअसल सरकार साल में तीन बार अंतर विभागीय समन्वय के माध्यम से संचारी रोग नियंत्रण के लिए विशेष अभियान चलाती है। अक्टूबर से जनवरी तक चलने वाले इस विशेष अभियान में पहले 15 दिन का कार्यक्रम जनजागरण के साथ अंतर विभागीय जिम्मेदारी का निर्वहन करने के लिए है। उन्होंने कहा कि 16 से 31 अक्टूबर तक आशा कार्यकत्री द्वारा घर-घर जाकर दस्तक अभियान के माध्यम से सभी घरो में जाकर बीमारों को चिन्हित कर उनके उपचार की समुचित व्यवस्था करने में योगदान देंगी।
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