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Air Pollution: दिवाली के पटाखों से खराब हुआ इन शहरों का वातावरण, जानिए कौन-कौन है शामिल

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दिवाली की रात लोगों द्वारा सुप्रीम कोर्ट के पटाखों पर प्रतिबंध का उल्लंघन करने के बाद सोमवार 13 नवंबर की सुबह दिल्ली, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम, फरीदाबाद और आसपास के शहरों में हवा खराब हो गई। पटाखे जलाने के बाद दिल्ली-NCR में फिर से जहरीली धुंध या “स्मॉग” आया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, उत्तर प्रदेश के नोएडा में वायु गुणवत्ता इंडेक्स (AQI) “खराब” श्रेणी में है। सीपीसीबी डेटा के अनुसार, आज नोएडा सेक्टर-62 में एक्यूआई 269 दर्ज किया गया, जो “खराब” श्रेणी में आता है।

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मुंबई में प्रदूषण का हाल

बात करें मुंबई की तो बदलते मौसम के बीच वहां वायु की गुणवत्ता में बढ़ोत्तरी एक बार फिर लोगों को चिंतित कर रहा है। दिवाली के अगले दिन, मुंबई में भी वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) “खराब” श्रेणी में दर्ज किया गया। महानगर में एक बार फिर हवा की गुणवत्ता खराब हो गई, जिससे लोगों को परेशानी हो रही है। मुंबई में प्रदूषण के बढ़ते स्तर पर नियंत्रण के लिए बीएमसी (BMC) गाइडलाइंस का पालन नहीं करने वाली कंस्ट्रक्शन साइट्स और निर्माण कार्यों को काम बंद करने की नोटिस दे रही है। जानकारी के अनुसार, बीएमसी ने अब तक मुंबई में 278 निर्माण स्थानों और निर्माण कार्यों को काम बंद करने के नोटिस भेजे हैं।

खराब स्थिति

निर्माण स्थलों पर धूल से बचाव के लिए 70 मीटर से ऊंची जगह को 35 फीट ऊंचे शेड और कपड़े के कवर से ढंकना होगा। यह महानगरीय प्रदूषण को कम करेगा। BMC ने बताया कि एक एकड़ से अधिक क्षेत्र में हो रहे निर्माण स्थल के चारों ओर 35 फीट से अधिक ऊंचे शेड होने चाहिए। यही कारण है कि एक एकड़ से कम जगहों पर 25 फीट ऊंचा शेड लगाना अनिवार्य है। पुरानी इमारत को तोड़ते समय उसे ऊपर से नीचे तक ढंका होना चाहिए।

दिल्ली-NCR, महानगर मुंबई और चेन्नई में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) “खराब” श्रेणी में पहुंच दर्ज की गई। बीते दिनों IIT कानपुर ने एक रिपोर्ट जारी की। जिसमें दिल्ली, मुंबई, कोलकाता या चेन्नई में बढ़ते प्रदूषण के कारणों को बताया गया था। रिपोर्ट में कहा गया कि सड़कों पर उड़ने वाली धूल से प्रदूषण बढ़ रहा है। इसके अलावा, इन शहरों में वाहनों की संख्या अधिक होने से कार्बन उत्सर्जन भी प्रदूषण का दूसरा सबसे बड़ा कारण है।

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