Bihar: डिस्चार्ज पेपर में बेटा, गोद में बेटी, अस्पताल में हंगामा, जानिए पूरा मामला…

Forbesganj News

Forbesganj News

Share

Forbesganj News: फारबिसगंज अनुमंडलीय अस्पताल के प्रसव गृह कक्ष से नवजात शिशु बदले जाने को लेकर परिजनों ने शनिवार को जमकर हंगामा किया। परिजनों का आरोप है कि नवजात शिशु के रूप में पुत्र पैदा हुआ था। जिसके बारे में न केवल अस्पताल से डिस्चार्ज कागज पर भी अंकित किया गया बल्कि प्रसव कार्य में लगी ऑन ड्यूटी जीएनएम प्रभारी पल्लवी कुमारी समेत मिलन कुमारी और आरती कुमारी ने खुशी के तौर पर एक हजार रूपये भी लिए।

परिजनों को नवजात शिशु के रूप में पुत्र के बदले पुत्री दिए जाने की जानकारी तब मिली, जब नवजात शिशु को लेकर परिजन कपड़े में लपेटकर घर लेकर चले गए थे। जहां पुत्र के बदले नवजात शिशु के रूप में पुत्री देखने पर फिर कुर्साकांटा से नवजात शिशु को लेकर अनुमंडलीय अस्पताल पहुंचे और मामले को लेकर जमकर हंगामा किया। हालांकि अस्पताल प्रबंधन ने मानवीय भूल करार देते हुए डिस्चार्ज वाले पेपर में पुत्री के बदले पुत्र अंकित हो जाने की सफाई दी है।

कुर्साकांटा पगडेरा नुनियारी वार्ड संख्या 13 के रहने वाले उमेश सिंह ने बताया कि 2018 में उनकी शादी हुई थी. पहले संतान के रूप में बेटी है। देर रात प्रसव पीड़ा से पत्नी किरण देवी के कराहने के बाद उनको लेकर आशा प्रतिमा देवी के साथ अहले सुबह कुर्साकांटा से फारबिसगंज अनुमंडलीय अस्पताल पहुंचे। प्रसव गृह कक्ष में भर्ती किए जाने के थोड़ी देर में ही बेटा के जन्म लेने की ड्यूटी पर तैनात जीएनएम ने आशा प्रतिमा देवी को जानकारी दी. खुशी के तौर पर एक हजार रूपये की मांग की।

इसके बाद आशा द्वारा परिजनों को बेटा होने की जानकारी दी गई। उमेश सिंह ने बताया कि जब पांच सौ रूपये दिए गए तो जीएनएम ने लेने से इंकार कर जबरन दबाव बनाकर एक हजार रूपये की अवैध वसूली की। उन्होंने बताया कि बीसीजी का टीका लगाने के बाद कपड़े में लपेटकर डिस्चार्ज स्लिप के साथ नवजात को दे दिया गया। डिस्चार्ज स्लिप में भी नवजात के लिंग के रूप में पुत्र होने को दर्शाया गया। नवजात शिशु और उसकी मां को लेकर जब परिजन घर पहुंचे तो कपड़ा हटाकर देखने पर बेटा के बदले बेटी पाया।

जिसके बाद वेलोग अस्पताल पहुंचे। अस्पताल प्रबंधन मानवीय भूल करार देते हुए लड़की के बदले लड़का लिख देने की बात कह रहा है।जिसको लेकर परिजनों ने हंगामा मचाना शुरू कर दिया। डायल 112 को सूचना दी गई और फिर मौके पर डायल 112 के पुलिस अधिकारी ने पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचकर मामले की जानकारी ली।

हालांकि अस्पताल प्रबंधन की ओर से मानवीय भूल करार देने के बावजूद परिजन पुत्र के जन्म लेने की बात पर अडिग हैं। मामले को लेकर प्रसव गृह प्रभारी जीएनएम पल्लवी कुमारी ने पैसे लेकर प्रसूता और नवजात को डिस्चार्ज करने के लगाए गए आरोप को सिरे से खारिज किया। उन्होंने बताया कि शनिवार को दस बजे एक ही समय में दो मरीज को डिस्चार्ज किया गया। जिसमें एक रामपुर की पूजा सिंह और दूसरी कुर्साकांटा की किरण देवी थीं।

उन्होंने डिस्चार्ज स्लिप पर गलतीवश नवजात के पुत्र अंकित कर देने की बात कही। वहीं मामले पर अनुमंडलीय अस्पताल के प्रभारी उपाधीक्षक डा.के. एन.सिंह ने भी मानवीय भूल के तहत डिस्चार्ज स्लिप में गलती होने की बात कही। वहीं डिलीवरी के बाद पैसे वसूली मामले को लेकर जांच करने की बात कही।

रिपोर्टः नारायण कुमार यादव, संवाददाता, अररिया, बिहार

यह भी पढ़ें: LOKSABHA ELECTION: बीजेपी जारी करेगी अपना ‘संकल्प पत्र’… जानिए किन मुद्दों पर हो सकता है फोकस

Hindi Khabar App: देश, राजनीति, टेक, बॉलीवुड, राष्ट्र,  बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल, ऑटो से जुड़ी ख़बरों को मोबाइल पर पढ़ने के लिए हमारे ऐप को प्ले स्टोर से डाउनलोड कीजिए. हिन्दी ख़बर ऐप

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *