
Donald Trump : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ‘जीनियस एक्ट’ कानून बनाकर डिजिटल करेंसी में वैश्विक नेतृत्व का दावा किया है, उन्होंने BRICS को डॉलर की प्रभुता को चुनौती न देने की चेतावनी भी दी.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए ‘गाइडिंग एंड एस्टैब्लिशिंग नेशनल इनोवेशन फॉर यूएस स्टेबलकॉइन्स एक्ट’ यानी ‘जीनियस एक्ट’ (GENIUS Act) पर हस्ताक्षर किए, जिससे यह कानून बन गया. इस कानून का उद्देश्य डिजिटल मुद्रा के क्षेत्र में अमेरिका को वैश्विक नेतृत्व में बनाए रखना और अमेरिकी डॉलर की वैश्विक वित्तीय प्रणाली में बादशाहत को और मजबूत करना है. डोनाल्ड ट्रंप ने मजाकिया लहजे में कहा, ‘इस एक्ट का नाम मेरे नाम पर रखा गया है. यह सच में एक अद्रभुत कानून है! इस मौके पर उन्होंने BRICS देशों (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, साउथ अफ्रीका) को कड़ी चेतावनी दी कि डॉलर की ताकत को चुनौती देने की कोई कोशिश नाकाम रहेगी.
किसी भी देश पर दस फीसदी टैरिफ लगाएंगे
डोनाल्ड ट्रंप ने (GENIUS) एक्ट पर हस्ताक्षर करते हुए BRICS देशों पर निशाना साधते हुए कहा, ‘BRICS एक छोटा सा समूह है, जो तेजी से कमजोर हो रहा है. इन देशों ने डॉलर की ताकत और उसकी प्रमुखता को चुनौती देने की कोशिश की थी. मैंने साफ कर दिया कि BRICS के किसी भी देश पर दस फीसदी टैरिफ लगाएंगे. इसके बाद उनकी अगली बैठक में कोई भी हिस्सा लेने नहीं आया. डोनाल्ड ट्रंप ने फिर से धमकाते हुए कहा कि अगर BRICS ने डॉलर को कमजोर करने की कोशिश की, तो उनका गठबंधन जल्दी ही टूट जाएगा, उन्होंने चेतावनी दी, ‘अगर हमने डॉलर की वैश्विक रिजर्व करेंसी की स्थित खो दी, तो यह किसी विश्व युद्ध हारने जैसा होगा. हम ऐसा कभी नहीं होने देंगे.
आप लोगों का सालों तक मजाक उड़ाया गया
जीनियस एक्ट का उद्देश्य डॉलर-आधारित स्टेबलकॉइन्स के लिए एक सरल और स्पष्ट नियामक ढांचा तैयार करना है. ट्रंप ने इसे वित्तीय तकनीक में इंटरनेट के जन्म के बाद की सबसे बड़ी क्रांति बताया, उन्होंने कहा, ‘ये कानून अमेरिका को क्रिप्टो और डिजिटल करेंसी की दुनिया का प्रमुख बनाता है. हमने वादा किया था कि अमेरिका क्रिप्टो कैपिटल बनेगा, और आज हमने वह वादा पूरा किया. ट्रंप ने क्रिप्टो समुदाय की तारीफ करते हुए कहा, ‘आप लोगों का सालों तक मजाक उड़ाया गया, लेकिन आपने हार नहीं मानी. ये कानून आपकी मेहनत और जज्बे की जीत है, उन्होंने ये भी साफ किया कि अमेरिका में कभी सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) को मंजूरी नहीं दी जाएगी.
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