
फटाफट पढ़ें
- ट्रंप ने भारत पर 25% टैरिफ लगाया
- थरूर ने इसे दोहरे मापदंड और अनुचित बताया
- भारत को अमेरिकी वस्तुओं पर भी 50% शुल्क लगाना चाहिए
- थरूर ने कहा, “अमेरिका को धमकाकर कुछ नहीं किया जा सकता।
- चीन को छूट मिलने पर थरूर ने सवाल उठाए
Shashi Tharoor : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 6 अगस्त को एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत भारत से आयातित वस्तुओं पर अतिरिक्त 25% टैरिफ लगाया गया है. यह कदम भारत के रूस से तेल खरीदने के चलते उठाया गया है.
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर अतिरिक्त 25% टैरिफ लगाने के फैसले को अनुचित और दोहरे मानदंडों वाला बताया. उन्होंने इसे भारत- अमेरिका रिश्तों के प्रति असंवेदनशील कदम भी करार दिया. शशि थरूर ने कहा कि यदि अमेरिका भारत के उत्पादों पर 50% शुल्क लगाएगा, तो भारत को भी अमेरिकी वस्तुओं पर उतना ही शुल्क लगाना चाहिए, उन्होंने यह भी कहा, “हमारा अमेरिका के साथ 90 अरब डॉलर का व्यापार है. यदि कीमतें 50% बढ़ जाएंगी, तो अमेरिकी खरीदार सोचेंगे कि भारतीय उत्पाद क्यों खरीदें?”
अमेरिकी वस्तुओं पर भी 50% शुल्क लगाना चाहिए
शशि थरूर ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “अमेरिका हमें धमकाकर कुछ नहीं कर सकता. वर्तमान में हम अमेरिकी उत्पादों पर औसतन 17% शुल्क लगाते हैं. तो क्यों न हम इसे बढ़ाकर 50% कर दें? अगर अमेरिका को भारत से संबंध नहीं चाहिए, तो भारत को भी अमेरिका की आवश्यकता नहीं है.
6 अगस्त को एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए
बता दें कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 6 अगस्त को एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत भारत से आयातित वस्तुओं पर अतिरिक्त 25% टैरिफ लगाया गया है. यह कदम भारत के रूस से तेल खरीदने के चलते उठाया गया है. पहले ही 25% शुल्क की घोषणा हो चुकी थी. अब कुल टैरिफ 50% तक पहुंच चुका है.
चीन को छूट मिलने पर थरूर ने सवाल उठाए
सांसद शशि थरूर ने अमेरिका की नीति को “दोहरे मापदंड” वाली बताते हुए कहा कि चीन रूस से भारत से भी अधिक तेल और अन्य सामग्रियां खरीदता है, फिर भी उसे 90 दिन की छूट दी गई है, उन्होंने कहा, “अगर चीन को राहत मिल सकती है, तो भारत को क्यों निशाना बनाया जा रहा है? यह दोस्ती नहीं, बल्कि दबाव बनाने की राजनीति है.
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