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खैबर पख्तूनख्वा में आत्मघाती हमला, पाक का भारत पर आरोप, विदेश मंत्रालय ने कहा ध्यान भटकाने की साजिश

India-Pakistan Relations : पाकिस्तान के उन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया जिसमें वजीरिस्तान में हुए आत्मघाती हमले के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराने की कोशिश की गई थी. यह हमला पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के वजीरिस्तान क्षेत्र में हुआ था. जिसमें पाकिस्तानी सेना के कम से कम 13 जवानों की मौत हो गई और 24 अन्य घायल हो गए.

वहीं भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा हमने पाकिस्तानी सेना का आधिकारिक बयान देखा है, जिसमें 28 जून को वजीरिस्तान में हुए हमले के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया गया है. हम अवमानना योग्य इस बयान को पूरी तरह से खारिज करते हैं. ये पाकिस्तान की ध्यान भटकाने की कोशिश है.

पाक सेना की मीडिया इकाई ने यह जानकारी दी

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में शनिवार को एक आत्मघाती हमले में सुरक्षा बल के कम से कम 13 जवानों की मौत हो गयी. पाक सेना की मीडिया इकाई ने यह जानकारी दी. इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस ने अपने एक बयान में कहा आतंकवादियों ने योजनाबद्ध और सुनियोजित तरह से कायरतापूर्ण हमला किया था, जिसमें उन्होंने उत्तरी वजीरिस्तान जिले के मीर अली क्षेत्र में सुरक्षा बलों के काफिले को निशाना बनाया. इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस के अनुसार शनिवार सुबह खड्डी गांव में एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से लदे वाहन को बम निरोधक इकाई के माइन-रेसिस्टेंट एम्बुश प्रोटेक्टेड वाहन से टकरा दिया. उसने बताया कि इस हमले में महिलाओं और बच्चों सहित कुल 14 सैन्य कर्मी घायल हो गए, जिनमें से कई की हालत गंभीर बनी हुई है.

सैन्य गतिविधियों के चलते कर्फ्यू लगाया गया था

मिली जानकारी के अनुसार, घटना के वक्त इलाके में सैन्य गतिविधियों के चलते कर्फ्यू लगाया गया था. विस्फोट के बाद सुरक्षा बलों ने तुरंत राहत और बचाव अभियान शुरू कर दिया. उन्होंने बताया कि हाफिज गुल बहादुर गुट से जुड़े आतंकवादी संगठन उसुद अल-हरब ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है. खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंदापुर ने आत्मघाती हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा, हम उन बहादुर सुरक्षाकर्मियों और उनके परिवारों को नमन करते हैं जिन्होंने देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया.

सुरक्षा स्थिति को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा कर दी

इस आत्मघाती हमले को हाल के महीनों में उत्तरी वजीरिस्तान में सबसे बड़ी घटना बताया गया है और इसने क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं. नवंबर 2022 में सरकार और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम समझौते के टूटने के बाद, पाकिस्तान में विशेष रूप से खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान प्रांतों में आतंकवादी घटनाओं में तेजी देखी गई है.

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