राष्ट्रीय

2024 का काउंटडाउन शुरू, काशी-उज्जैन में आरती, गोवा, मुंबई और बेंगलुरु में रात भर चली पार्टी

2024 नया वर्ष है। 2023 का 31 दिसंबर खत्म हो गया है। लोगों ने नए साल की शुभकामनाएं फोन और मैसेज के माध्यम से दी हैं। नए साल की धूम धार्मिक स्थानों और पर्यटक स्थलों पर भी है।

साल के पहले दिन धार्मिक स्थानों पर लोगों की भीड़ है। 2024 में, उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में पहली बार भस्म आरती हुई। वाराणसी में दशाश्वमेध घाट पर पहली बार सूर्य पूजा और गंगा आरती हुई। सभी छोटे-बड़े मंदिरों ने नए साल की खास तैयारी की है।

31 दिसंबर को मॉल, पब और क्लबों में रात भर पार्टी हुई। 30 और 31 दिसंबर को वीकेंड और 1 जनवरी को नया साल होने से 3 दिन की छुट्टी होगी। गोवा में रात के बारह बजे लोगों ने समुद्र तट पर आतिशबाजी करके नए साल का स्वागत किया।

मुंबई, बेंगलुरु, दिल्ली, गुरुग्राम और कोलकाता में भी रात भर पार्टी हुई। शिमला, मनाली और गुलमर्ग जैसे पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों ने पहाड़ों, जंगलों और बर्फ को देखा है। इससे मनाली-शिमला में सभी होटल लगभग भरे हुए हैं।

भारत में हिन्दू नववर्ष के अलावा अन्य धर्मों की अलग परम्पराएं

भारत में पांच बार नया साल मनाया जाता है। 1 जनवरी को ईसाई न्यू ईयर के अलावा हिंदू, पंजाबी, जैन और पारसी लोगों ने अलग-अलग महीनों में नए साल का उत्सव मनाया जाता है। हिंदू नववर्ष चैत्र मास (मार्च से अप्रैल) की शुक्ल प्रतिपदा से शुरू होता है। इसी दिन नववर्ष भी शुरू होता है। देश भर में इसे गुड़ी पड़वा या उगादी नाम से मनाया जाता है।

इसके अलावा, पंजाब में वैशाखी, जो अप्रैल से मई तक चलता है, नव वर्ष का पर्व है। JAIN लोग दीपावली के अगले दिन नया साल मनाते हैं। यह वीर निर्वाण संवत भी है। अगस्त में पारसी नया साल नवरोज उत्सव से शुरू होता है। इसके अतिरिक्त इस्लामिक कैलेंडर का नया साल मुहर्रम होता है, जो जुलाई से शुरू होता है।

ये भी पढ़ें: UP: अयोध्या धाम से आई अक्षत कलश यात्रा का कस्बा गरौठा में नगर भ्रमण

Related Articles

Back to top button