पिता ने काम छोड़ा-खेत बेचा, मां सिर्फ 3 घंटे सोती थी…IPL में सबसे तेज सेंचुरी लगाने वाले भारतीय वैभव सूर्यवंशी की कहानी

वैभव सूर्यवंशी और उनके माता-पिता
Vaibhav Suryavanshi: राजस्थान रॉयल्स के 14 साल के युवा खिलाड़ी वैभव सूर्यवंशी ने 38 गेंद में 101 रन बनाकर वर्ल्ड क्रिकेट में तहलका मचा दिया है। वह आईपीएल में सबसे तेज शतक लगाने वाले भारतीय भी बन गए। क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा से लेकर फिल्म स्टार्स तक ने वैभव की बल्लेबाजी की तारीफ कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर वैभव सूर्यवंशी की तारीफों की बाढ़ आ चुकी है। पोस्ट मैच के बाद वैभव सूर्यवंशी ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को दिया है।
टूर्नामेंट का दूसरा सबसे तेज शतक बनाया
वैभव ने 35 गेंद में टूर्नामेंट का दूसरा सबसे तेज शतक लगाया है। बता दें कि क्रिस गेल ने आईपीएल में 30 गेंद पर शतक लगाने का कमाल किया था। किसी भारतीय द्वारा बनाया गया सबसे तेज शतक है, जिसने यूसुफ पठान के 37 गेंदों में शतक बनाने के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया।
भगवान मेहनत करने वालों को कभी निराश नहीं करते
मैच के बाद वैभव ने बताया कि “मैं जो भी हूं अपने माता-पिता की वजह से हूं. मुझे प्रैक्टिस के लिए जाना होता था तो मेरी मम्मी दो बजे सुबह उठ जाती थीं। जबकि वो 11 बजे सोती थीं यानि केवल तीन ही घंटे की नींद लेती थीं। फिर मेरे लिए खाना बनाती थीं, मेरे पापा ने काम छोड़ दिया”
“मेरे बड़े भाई ने पापा का काम संभाला। बहुत मुश्किल से घर चल रहा था, पर पापा मेरे पीछे लगे रहे। उन्हें भरोसा था कि मैं कुछ करूंगा। भगवान मेहनत करने वालों को कभी निराश नहीं करते। जो भी रिजल्ट दिख रहा है, मैं सफल हो पा रहा हूं तो वो मेरे पेरेंट्स की वजह से ही है।”
5 साल की कड़ी ट्रेनिंग, वैभव हर दिन खेलते थे 600 गेंद
पटना के उनके कोच मनीष ओझा ने बताया कि आप लोगों ने उसके शॉट में ताकत देखी होगी। बल्ले की स्विंग और सही टाइमिंग देखी होगी। अगर छक्का मारने के लिए ताकत ही एकमात्र मानदंड होता तो पहलवान क्रिकेट खेलते। यह पांच साल की ट्रेनिंग है जिसमें वैभव हर दिन 600 सौ गेंदें खेलते थे।
बेटे के लिए पिता ने बेच दी जमीन
ऐसी प्रतिभा रातों-रात नहीं बनीं, इस अविश्वसनीय कहानी की नींव तब पड़ी जब उनके पिता संजीव सूर्यवंशी ने अपने बेटे के क्रिकेट सपनों को पूरा करने के लिए अपनी खेती की जमीन बेच दी। बिहार क्रिकेट संघ ने वैभव का समर्थन किया और उसे रणजी ट्रॉफी में जगह दिलाई। तिलक नायडू की अध्यक्षता में अंडर-19 राष्ट्रीय चयनकर्ताओं ने उसे कोल्ट टेस्ट क्रिकेट में पहुंचाया। अंत में राजस्थान रॉयल्स के राहुल द्रविड़ और जुबिन भरूचा ने आईपीएल की शुरुआत से पहले उसे 150 से अधिक की गति से साइड-आर्म थ्रोडाउन का सामना करवाकर इस अनगढ़े हीरे को चमकाने में अपना योगदान दिया। ओझा वैभव के पिता और उनके बलिदान की प्रशंसा करते हैं। उसके पिता मैच दिखाने के लिए हर दूसरे दिन 100 किलोमीटर की यात्रा करते थे। मां उसके खान-पान को लेकर बहुत सजग रहती थीं। अगर कोई व्यक्ति प्रतिदिन 600 गेंदें खेलता है तो उसे प्रोटीन के मामले में ज्यादा पोषण की जरूरत होगी।

हम राहुल द्रविड़ सर के आभारी हैं: वैभव सूर्यवंशी के पिता
वैभव सूर्यवंशी के पिता संजीव सूर्यवंशी ने बयान जारी करते हुए कहा कि हम बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी का दिल से धन्यवाद करते हैं, जिन्होंने वैभव के हुनर को पहचाना और लगातार उसे अवसर प्रदान करते रहे. उनके समर्थन के बिना यह संभव नहीं हो पाता. उन्होंने आगे कहा कि हम राहुल द्रविड़ सर के भी आभारी हैं, जिन्होंने वैभव की प्रतिभा को पहचानकर राजस्थान रॉयल्स से खेलने का मौका दिया।
वैभव के गांव में जश्न का माहौल
समस्तीपुर के ताजपुर के रहने वाले राजस्थान रॉयल्स के खिलाड़ी वैभव सूर्यवंशी T20 फॉर्मेट में सबसे तेज शतक लगाने वाले बैट्समैन बन गए हैं। शतक लगाने पर समस्तीपुर सहित पूरे बिहार में जश्न का माहौल है समस्तीपुर जिला के ताजपुर में भी वैभव सूर्यवंशी के घर से लेकर पूरे गांव में जश्न का माहौल है। गांव के लोगों ने इस खुशी के मौके पर केक काटा और जमकर आतिशबाजी की और जमकर वैभव के समर्थन में नारेबाजी की गई। उनके गांव के लोग वैभव सूर्यवंशी के इस शानदार प्रदर्शन से काफी खुश नजर आ रहे हैं।
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