
इस ख़बर में क्या है
• अंबादास दानवे ने शिवसेना के विभाजन को दुर्भाग्यपूर्ण बताया
• उन्होंने संगठन की एकता को सबसे बड़ी ताकत कहा
• दोनों गुटों के फिर साथ आने की अटकलें तेज हैं
• सत्ता नहीं, पार्टी की एकजुटता को प्राथमिकता दी
• सभी शिवसैनिकों से एकजुट होने की अपील की
Shiv Sena Alliance Speculation : शिवसेना (UBT) नेता अंबादास दानवे ने कहा कि पार्टी में हुआ विभाजन आज भी उन्हें खटकता है और उन्होंने सभी शिवसैनिकों से एकजुट होने की अपील की, उन्होंने संगठन की एकता को सर्वोपरि बताया.
महाराष्ट्र की राजनीति में इस समय जबरदस्त हलचल और अस्थिरता देखने को मिल रही है. एक तरफ, शिवसेना के शिंदे गुट और उद्धव ठाकरे के बीच तनातनी इतनी बढ़ गई है कि दोनों पार्टियों के प्रमुख एक दूसरे को देख कर भी अनदेखा कर देते हैं. वहीं दूसरी तरफ विधानसभा में दोनों पार्टियों के एक बार फिर से साथ आने की बात उठ रही है.
आज भी शिवसेना का विभाजन उन्हें खटकता : दानवे
विधान परिषद में विपक्ष के नेता और शिवसेना के वरिष्ठ नेता अंबादास दानवे ने कहा है कि आज भी शिवसेना का विभाजन उन्हें खटकता है, उन्होंने साफ कहा कि शिवसेना जैसा मजबूत संगठन टूटना दुर्भाग्यपूर्ण है और अब समय आ गया है कि दोनों गुटों को फिर से एक होना चाहिए.
संगठन की एकता सबसे बड़ी ताकत
दानवे ने एक मराठी चैनल से बातचीत में कहा, “हम सत्ता के लिए पैदा नहीं हुए हैं. सत्ता आती-जाती रहती है, लेकिन संगठन की एकता सबसे बड़ी ताकत है. किसी ने हमारी शिवसेना पर बुरी नजर डाली और संगठन में फूट पड़ी. यह जख्म किसी दिन भर जाना चाहिए, उन्होंने कहा कि शिवसेना की एकजुटता ही उसकी पहचान रही है और सभी शिवसैनिकों को साथ आना चाहिए.
एकता और मूल संगठन की भावना बनी रहनी चाहिए
साल 2022 में शिवसेना में एक बड़ा राजनीतिक संकट आया, जब एकनाथ शिंदे ने 39 विधायकों के साथ बगावत कर पार्टी से अलग गुट बना लिया. इसके बाद उन्होंने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई और अब वे महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री हैं. इस संदर्भ में दानवे ने कहा कि राजनीतिक बदलाव होते रहते हैं, लेकिन वैचारिक एकता और मूल संगठन की भावना बनी रहनी चाहिए.
एकता की उम्मीद करना कोई गलती नहीं
अंबादास दानवे ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी सत्ता में हो, यह उनकी व्यक्तिगत भावना है लेकिन उससे भी ऊपर संगठन की मजबूती है. उन्होंने कहा, “एक शिवसैनिक होने के नाते मैं चाहता हूं कि शिवसेना फिर से एक मजबूत और संगठित पार्टी के रूप में उभरे. एकता की उम्मीद करना कोई गलती नहीं है.
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