
NEET UG 2025 Counselling : अगर आपका सपना है MBBS या BDS की पढ़ाई करना, तो NEET UG 2025 की काउंसलिंग का ये समय आपके लिए सबसे अहम है. अब तक आपने एग्जाम की टेंशन झेली, sleepless nights बिताए और बेहिसाब मेहनत की लेकिन असली खेल तो अब शुरू होता है.
क्योंकि अगर आपने काउंसलिंग में छोटी सी भी गलती की, कोई डॉक्युमेंट मिस कर दिया या एफिडेविट बनवाना भूल गए, तो फिर सीट मिलना मुश्किल ही नहीं नामूमकिन है. लेकिन घबराइए मत! यहां हम आपको बताने जा रहे हैं NEET UG काउंसलिंग की पूरी प्रोसेस, वो भी बिल्कुल आसान और सीधी भाषा में. तो चलिए शुरू करते हैं ताकि आपका सफर अब किताबों से निकलकर सीधे मेडिकल कॉलेज की क्लासरूम तक पहुंच सके.
NEET UG काउंसलिंग क्या है?
दरअसल यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके जरिए आपको आपकी रैंक, कट-ऑफ और कैटेगरी के आधार पर मेडिकल या डेंटल कॉलेज अलॉट किया जाता है. काउंसलिंग दो स्तरों पर होती है:
- ऑल इंडिया कोटा (AIQ) – 15% सीटें (MCC द्वारा आयोजित)
- राज्य कोटा – 85% सीटें (राज्य सरकारों द्वारा)
ऐसे लें काउंसलिंग में हिस्सा
- सबसे पहले MCC या राज्य की मेडिकल वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करें.
- अपनी कॉलेज प्राथमिकताएं (चॉइस फिलिंग) दर्ज करें.
- रैंक और विकल्पों के अनुसार कॉलेज अलॉट होगा.
- कॉलेज मिलते ही समय पर रिपोर्ट करें और डॉक्युमेंट्स दिखाएं.
जरूरी डॉक्युमेंट्स की लिस्ट
- NEET स्कोर कार्ड और रैंक लेटर
- 10वीं व 12वीं की मार्कशीट और सर्टिफिकेट
- आधार कार्ड, फोटो
- डोमिसाइल और कैटेगरी सर्टिफिकेट (यदि लागू हो)
- सीट अलॉटमेंट लेटर
- एफिडेविट (Affidavit)
एफिडेविट क्यों जरूरी है?
एफिडेविट यह प्रमाणित करता है कि आपने पहले कहीं एडमिशन नहीं लिया और दी गई जानकारी पूरी तरह सही है. इसे स्टांप पेपर पर नोटरी से सत्यापित कराना होता है.
यह भी पढ़ें : MECL में निकली भर्ती, उम्मीवार ऐसे करें आवेदन, जानें क्या है योग्यता
Hindi Khabar App: देश, राजनीति, टेक, बॉलीवुड, राष्ट्र, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल, ऑटो से जुड़ी ख़बरों को मोबाइल पर पढ़ने के लिए हमारे ऐप को प्ले स्टोर से डाउनलोड कीजिए. हिन्दी ख़बर ऐप