
अहम बातें एक नजर में : 👇
- भारत में GST की नई व्यवस्था लागू हो गई है.
- अब GST की सिर्फ दो दरें रहेंगी – 5% और 18%.
- सिन गुड्स और लग्ज़री प्रोडक्ट्स पर 40% GST लगेगा.
- एजुकेशन सेक्टर जैसे स्कूल, कॉलेज, ट्यूशन, एग्जाम फीस, स्कॉलरशिप को GST से छूट मिली.
- स्टेशनरी आइटम्स जैसे नक्शा, चार्ट, ग्लोब, पेंसिल, किताबें, अख़बार, नोटबुक आदि पर कोई GST नहीं.
- रोज़मर्रा की खाद्य सामग्री जैसे फल, सब्ज़ियां, दूध, दही, दालें, मांस-मछली (अनपैकेज्ड) पर टैक्स नहीं.
- खादी कपड़ा, ऊन, जूट, हाथ से बने कपड़े, इंसुलिन, कैंसर दवाएं, वैक्सीन, सुनने की मशीन जैसी जरूरी चीजों पर भी GST नहीं.
- 12% और 28% कैटेगरी अब 5% और 18% में शामिल, जिससे कई चीजें सस्ती होंगी.
- सरकार का मक़सद टैक्स सिस्टम को आसान और आम जनता के लिए राहत भरा बनाना है.
India GST New Rates 2025 : भारत में वस्तु एवं सेवा कर (GST) की नई व्यवस्था लागू हो चुकी है और अब टैक्स सिस्टम पहले से कहीं ज्यादा आसान हो गया है. पहले जहां चार दरें – 5%, 12%, 18% और 28% लागू थीं, वहीं अब सिर्फ दो दरें – 5% और 18% लागू होंगी. इसके अलावा सिन गुड्स और लग्ज़री प्रोडक्ट्स पर 40% GST लगेगा. इस फैसले से आम जनता को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है क्योंकि कई रोज़मर्रा की चीजें अब सस्ती हो जाएंगी.
किन चीज़ों पर नहीं देना होगा GST?
सबसे बड़ी राहत यह है कि कई जरूरी चीजें और सेवाएं अब GST से बाहर कर दी गई हैं. एजुकेशन सेक्टर को GST से पूरी तरह छूट दी गई है. यानी स्कूल, कॉलेज की फीस, ट्यूशन, एग्जाम फीस और स्कॉलरशिप कोचिंग पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. स्टेशनरी आइटम जैसे नक्शे, चार्ट, ग्लोब, पेंसिल, शार्पनर, क्रेयॉन, नोटबुक, इरेज़र, किताबें, अख़बार, पत्रिकाएं और बच्चों के रंग-बिरंगे बुक्स पर भी अब GST नहीं देना होगा.
GST से बाहर हुई रोजमर्रा की जरूरी चीजें
खाने-पीने की चीजों में भी राहत है. फल, सब्ज़ियां, दालें, गेहूं, चावल, दूध, दही, लस्सी, शहद, गुड़, पापड़, मांस-मछली (अनपैकेज्ड), अदरक, लहसुन, हल्दी, चाय की पत्तियां जैसी बुनियादी चीजों पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. इसके अलावा खादी कपड़ा, ऊन, जूट, कच्चा रेशम, लकड़ी, हाथ से बने कपड़े, इंसुलिन, कैंसर की दवाएं, वैक्सीन, सुनने की मशीन, मिट्टी के बर्तन, मूर्तियां, बिंदी, कुमकुम, गांधी टोपी और यहां तक कि सौर पैनल पर भी GST नहीं लगेगा.
नई दरों से क्या फायदा होगा?
पहले 12% और 28% वाली कैटेगरी में आने वाले सामान अब 5% और 18% में शिफ्ट हो गए हैं. इसका मतलब है कि मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, कपड़े, घरेलू सामान और कई रोज़ाना इस्तेमाल की चीजें पहले से सस्ती हो जाएंगी.
आसान जुबान में समझिए
सरकार का मकसद टैक्स सिस्टम को आसान और लोगों के लिए आरामदायक बनाना है. अब न सिर्फ कारोबारियों को फायदा होगा बल्कि आम जनता की जेब पर भी बोझ कम पड़ेगा. जहां पहले GST को लेकर कंफ्यूज़न था, वहीं अब नई व्यवस्था से साफ़-साफ़ पता होगा कि किस चीज़ पर कितना टैक्स लगेगा. यानी कुल मिलाकर यह बदलाव एक राहत भरा तोहफ़ा है, जो लोगों की रोज़मर्रा की ज़िंदगी को आसान बनाने वाला है.
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