Rajnath Singh on Sindh : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सिंध को लेकर पाकिस्तान को आड़े हाथों लिया है। पाकिस्तान को सख्त चेतावनी देते हुए सिंह ने कहा कि बॉर्डर कभी भी बदल सकता है और रही जमीन की बात तो क्या पता कब सिंध भारत में फिर वापस आ जाए।
सिंधी समाज का महत्व नहीं हुआ कम
उन्होंने कहा कि पूरा सिंध प्रांत आज पाकिस्तान में है। विभाजन के कारण सिंधु नदी का एक बड़ा हिस्सा आज पाकिस्तान में चला गया है, मगर इसका अर्थ यह नहीं कि सिंधु, सिंध और सिंधी समाज का महत्व हमारे लिए आज कम हो गया है। हमारे लिए उनका महत्व आज भी उतना है जितना हज़ारों साल से रहा है। सिंध प्रांत में सिंधी, उर्दू और अंग्रेजी भाषा बोली जाती है।
LK आडवाणी की किताब की ज़िक्र
राजनाथ सिंह ने यह सब रविवार को दिल्ली में सिंधी सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहीं है। उन्होंने लाल कृष्ण आडवाणी का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने अपनी एक किताब में लिखा था कि सिंधी हिंदू, खासकर उनकी पीढ़ी के लोग अभी भी सिंध को भारत से अलग नहीं मानते हैं।
राष्ट्रगान से सिंध शब्द पर याचिका
राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि- साल 2005 में सुप्रीम कोर्ट ने हमारे राष्ट्रगान से सिंध शब्द निकालने की याचिका को ख़ारिज करते हुए कहा था कि सिंध शब्द केवल एक भौगोलिक स्थान से जोड़ कर नहीं देखा जाना चाहिए, क्योंकि यह शब्द भारत और सिंधी समाज की सांस्कृतिक पहचान से जुड़ा हुआ है।
1947 में हुए भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद सिंध प्रांत पाकिस्तान में चला गया। यह पाकिस्तान का तीसरा सबसे बड़ा प्रांत है। जिसकी राजधानी कराची है।
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