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स्वतंत्रता दिवस पर CM योगी आदित्यनाथ ने दी शुभकामनाएं, ‘विकसित उत्तर प्रदेश’ का खाका किया प्रस्तुत

CM Yogi : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर विधान भवन परिसर में ध्वजारोहण कर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दीं. इस दौरान उन्होंने शहीदों और वीरता पुरस्कार विजेताओं को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए प्रदेश के विकास और आत्मनिर्भरता की दिशा में राज्य सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों को साझा किया.

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस केवल उत्सव नहीं, बल्कि भारत और उत्तर प्रदेश को ‘विकसित राष्ट्र’ और ‘विकसित राज्य’ बनाने के संकल्प का दिन है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश के विकास की गति को रेखांकित करते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और ‘स्वदेशी मॉडल’ को भारत की सामर्थ्य का प्रतीक बताया.

शहीदों को श्रद्धांजलि, परिजनों को किया सम्मानित

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समारोह में शौर्य चक्र, वीर चक्र और सेना मेडल से अलंकृत शहीदों के परिजनों को सम्मानित किया. इनमें शहीद ले. हरी सिंह बिष्ट, ले. कर्नल अमित मोहिन्द्रा, शहीद मेजर रितेश शर्मा और शहीद ले. कमांडर रजनीकांत यादव जैसे कई जांबाज़ शामिल थे. कार्यक्रम में हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा, तिरंगे गुब्बारे और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से स्वतंत्रता दिवस को मनाया गया.

उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा में लगे जवानों की बदौलत हम सुरक्षित और स्वतंत्र जीवन जी पा रहे हैं. राष्ट्र को इन वीरों के बलिदान को हमेशा याद रखना चाहिए.

‘विकसित भारत-विकसित उत्तर प्रदेश’ की दिशा में विजन डॉक्युमेंट की तैयारी

मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि आगामी तीन माह में उत्तर प्रदेश, वर्ष 2047 तक के लिए एक विस्तृत विजन डॉक्युमेंट तैयार करेगा. इसके लिए 12 प्रमुख सेक्टर्स को चिह्नित किया गया है, जिनमें अर्थशक्ति, सृजनशक्ति और जीवनशक्ति की थीम पर काम होगा.

राज्य सरकार प्रत्येक जनपद से 3 और राज्य स्तर पर 5 सुझावों को चुनकर उन्हें सम्मानित करेगी. नीति आयोग की सहभागिता से ये सुझाव प्रदेश की दीर्घकालिक नीतियों में शामिल किए जाएंगे. उन्होंने इस प्रयास को जनभागीदारी और लोकतांत्रिक संवाद की दिशा में महत्वपूर्ण बताया.

शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार पर फोकस

मुख्यमंत्री ने शिक्षा के क्षेत्र में किए गए सुधारों का ज़िक्र करते हुए बताया कि ‘ऑपरेशन कायाकल्प’ के अंतर्गत 1.36 लाख से अधिक परिषदीय विद्यालयों का पुनर्निर्माण किया गया है. अटल आवासीय विद्यालयों और मुख्यमंत्री मॉडल कम्पोजिट विद्यालयों के ज़रिए अब स्कूली शिक्षा को जनपद से लेकर न्याय पंचायत स्तर तक पहुंचाने की योजना है.

बेसिक शिक्षा में हर विद्यालय में न्यूनतम तीन शिक्षक अनिवार्य होंगे और जो विद्यालय पेयरिंग के बाद खाली होंगे, उन्हें प्री-प्राइमरी के रूप में विकसित किया जाएगा. इसके लिए ‘सीएम पोषण मिशन’ नामक एक नई योजना जल्द लागू की जाएगी, जो बाल वाटिका और आंगनबाड़ी केंद्रों को एकीकृत करेगी.

स्वास्थ्य सेवाओं की बात करते हुए उन्होंने बताया कि विगत आठ वर्षों में राज्य में 40 नए मेडिकल कॉलेजों और दो AIIMS का निर्माण हुआ है. 7,700 से अधिक ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त किया गया है. महिला स्वास्थ्य और सुरक्षा पर भी विशेष ध्यान देते हुए श्रमजीवी महिला छात्रावास और मिशन शक्ति अभियान को विस्तारित किया जा रहा है.

युवाओं और उद्यमिता को बढ़ावा

मुख्यमंत्री ने बताया कि ‘मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान’ के तहत 70 हजार से अधिक युवाओं को लाभ पहुंचाया गया है. 21 से 40 वर्ष की उम्र के युवाओं को गारंटी-मुक्त और ब्याजमुक्त ₹5 लाख तक का ऋण एवं प्रशिक्षण दिया जा रहा है. MSME क्षेत्र में राज्य ने 1.62 करोड़ से अधिक युवाओं को रोजगार से जोड़ा है.

राज्य के सभी जनपदों में ‘सरदार वल्लभभाई पटेल इम्प्लॉयमेंट जोन’ की स्थापना की योजना है, जहां युवाओं को औद्योगिक तकनीकों और न्यू-एज स्किल्स की ट्रेनिंग दी जाएगी.

उन्होंने यह भी बताया कि 45 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 15 लाख करोड़ के निवेश पहले ही धरातल पर उतर चुके हैं, जिससे लाखों युवाओं को रोजगार मिला है.

कृषि और स्वदेशी को लेकर योजनाएं

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश कृषि क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों में है. ‘मिशन मिलेट’ के तहत मोटे अनाजों की खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है. उन्होंने ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान को आगे बढ़ाने और स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने का आह्वान किया.

सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रही है और किसानों को कम लागत में अधिक उत्पादन की दिशा में प्रेरित कर रही है. उन्होंने बताया कि बीते आठ वर्षों में गन्ना किसानों को ₹2.88 लाख करोड़ की धनराशि उनके खातों में भेजी गई है.

कृषकों के लिए चलाई जा रही योजनाओं में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, फसल बीमा योजना और मुफ्त नलकूप कनेक्शन शामिल हैं. साथ ही, वन्यजीव संघर्ष की स्थिति में ₹4 लाख की सहायता और दुर्घटना में ₹5 लाख का बीमा भी प्रदान किया जा रहा है.

उत्तर प्रदेश अब बीमारू नहीं, एक विकसित और गतिशील राज्य

मुख्यमंत्री ने दावा किया कि वर्ष 2017 से पहले उत्तर प्रदेश बीमारू राज्यों की श्रेणी में था, लेकिन अब यह देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है. राज्य की जीएसडीपी ₹32 लाख करोड़ हो गई है और प्रति व्यक्ति आय ₹1.20 लाख तक पहुंची है.

इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में भी उत्तर प्रदेश देश में अग्रणी है. राज्य में 7 एक्सप्रेस-वे क्रियाशील, 5 निर्माणाधीन हैं और 10 के सर्वेक्षण की प्रक्रिया जारी है. मेट्रो नेटवर्क, एयरपोर्ट्स, रैपिड रेल और रेल नेटवर्क के क्षेत्र में भी राज्य की प्रगति उल्लेखनीय है.


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का स्वतंत्रता दिवस संबोधन महज़ एक परंपरा नहीं था, बल्कि एक व्यापक रोडमैप की प्रस्तुति थी जिसमें उत्तर प्रदेश को आत्मनिर्भर, विकसित और समावेशी राज्य बनाने के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, कृषि, महिला सशक्तिकरण और स्वदेशी को प्रमुख आधार बताया गया.

अब यह देखना होगा कि मुख्यमंत्री के विजन को धरातल पर लाने के लिए सरकार कितनी प्रभावी कार्यवाही करती है और जनता इस अभियान में किस हद तक भागीदारी निभाती है.


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