समस्याओं के समाधान के लिए समाज का एकजुट होना जरूरी : मोहन भागवत

Assam : आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि हमारा देश एक है। समस्याओं के समाधान के लिए समाज का एकजुट होना जरूरी है। सभी को एक साथ मिलकर काम करना होगा। भागवत ने यह बात असम के माजुली के उत्तरी कमला बारी सत्र में आयोजित “पूर्वोत्तर संत मणिकंचन सम्मेलन-2023” में कही। आरएसएस प्रमुख ने कहा कि हमारा देश एक है, यहां विभिन्न समुदाय हैं, लेकिन जिसे हम धर्म कहते हैं, वह सभी के लिए समान है। यह मानवता है, यह ‘सनातन धर्म’ है। यह जरूरी है कि हमारा समाज एकजुट हो और एकजुट होकर अपनी समस्याओं का समाधान करे।
आरएसएस प्रमुख ने क्या कहा?
आरएसएस प्रमुख ने कहा कि भारत की ‘संस्कृति’ ‘एकम सत् विप्रा बहुधा वदन्ति’ (सत्य एक है लेकिन बुद्धिजीवियों द्वारा इसे अलग-अलग तरीके से प्रकट किया जाता है) के माध्यम से प्रतिबिंबित होती है। यह सर्व-समावेशी परंपरा केवल भारत में मौजूद है। असम में हुए इस सम्मेलन में 104 आध्यात्मिक नेता और पूर्वोत्तर राज्यों के 37 विभिन्न धार्मिक संस्थानों और संप्रदायों से जुड़े लोग मौजूद रहे। इस दौरान देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र के लोगों और इसमें सक्रिय विभिन्न संप्रदायों के मुद्दों पर चर्चा की गई।
‘सनातन’ शाश्वत है
इससे पहले, हरिद्वार के श्री हरिहर आश्रम में ‘दिव्य आध्यात्मिक महोत्सव’ का उद्घाटन के बाद लोगों को संबोधित करते हुए आरएसएस प्रमुख ने कहा कि ‘सनातन’ शाश्वत है। उन्होंने कहा कि सनातन था, है और हमेशा रहेगा। जो बचा है वह सनातन है। आरएसएस चीफ ने कहा कि भारतीय परंपराओं में सभी ‘संप्रदाय’ व्यक्ति को ‘शुद्ध’ करते हैं। मोहन भागवत ने कहा कि भारतीय परंपराओं में सभी संप्रदाय एक चीज की ओर ले जाते हैं, वे आपको शुद्ध करते हैं।
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