यूक्रेन में शांति की वकालत पर भड़का रूस, पश्चिम देशों पर साधा निशाना

यूक्रेन में शांति की वकालत पर भड़का रूस, पश्चिम देशों पर साधा निशाना

यूक्रेन में शांति की वकालत पर भड़का रूस, पश्चिम देशों पर साधा निशाना

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सारी दुनिया की नजरें देश में चल रहे जी-20 शिखर सम्मेलन पर टिकी हुई हैं। शिखर सम्मेलन के दौरान नेताओं का संयुक्त घोषणा पत्र जारी हुआ, जिसमें यूक्रेन में शांति का आह्वान किया गया है। साथ ही सदस्य देशों से इलाकों पर कब्जा करने के लिए ताकत के इस्तेमाल या किसी भी देश की क्षेत्रीय अखंडता के खिलाफ कार्य करने से बचने का आग्रह किया गया। लेकिन अब इस घोषणा पत्र को लेकर रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव पश्चिम देशों पर भड़के हुए नजर आ रहे हैं। मंत्री सर्गेई लावरोव कहा कि जैसे ही हम यूक्रेन के बारे में बात करना शुरू करते हैं, पश्चिम एक बुद्धिमान चर्चा बनाए रखने में असमर्थ हो जाता है। हालांकि, इस दौरान लावरोव ने भारत की अध्यक्षता की तारीफ की है।

पश्चिम देशों पर रूस के विदेश मंत्री का हमला

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने पश्चिम देशों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पश्चिम देश केवल यह मांग कर सकता है कि रूस अपनी आक्रामकता बंद कर दे और यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता को बहाल करे, लेकिन संयुक्त राष्ट्र चार्टर में समानता के सिद्धांत का भी उल्लेख किया गया है। 

उन्होंने कहा कि कीव शासन ने अपने देश की क्षेत्रीय अखंडता को अपने हाथों से नष्ट कर दिया है। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि हमारे कुछ पश्चिमी सहयोगी भी इसे समझते हैं, लेकिन आप अच्छी तरह जानते हैं कि वे रूस की रणनीतिक हार पर अपना दांव लगा रहे हैं। लावरोव ने यह भी आरोप लगाया कि पश्चिम ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए विकासशील देशों को सालाना 100 अरब डॉलर देने का वादा किया था, लेकिन इसे कभी पूरा नहीं किया।  

रूसी विदेश मंत्री लावरोव ने कहा कि अभी लंबा रास्ता तय करना है, लेकिन यह शिखर सम्मेलन एक मील का पत्थर रहा है। उन्होंने कहा कि मैं जी-20 की अध्यक्षता कर रहे भारत की सक्रिय भूमिका का भी उल्लेख करना चाहूंगा, जिसने इतिहास में पहली बार वैश्विक दक्षिण से जी-20 देशों को वास्तव में एकजुट किया है। हमारे ब्रिक्स साझेदार ब्राजील, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका विशेष रूप से सक्रिय रहे हैं।  उन्होंने कहा कि नई दिल्ली में हुआ जी-20 शिखर सम्मेलन सफल रहा है। यह हमें कई प्रमुख क्षेत्रों में आगे बढ़ने का रास्ता प्रदान करता है। जी-20 के अध्यक्ष के रूप में भारत ने पहली बार ग्लोबल साउथ की स्थिति मजबूत की। रूसी मंत्री ने कहा कि मैं जी-20 के राजनीतिकरण के प्रयासों को रोकने के लिए भारत के प्रति अपना आभार व्यक्त करना चाहता हूं।

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