Chhattisgarh Rahul News : बोरवेल में गिरे राहुल का जानिए ताजा अपडेट

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नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के जांजगीर में 11 साल के राहुल के बोरवेल में गिरे हुए 90 घंटे से ऊपर हो गए हैं, ऐसे में अब कई सवाल उठ रहे हैं कि आखिर कब तक राहुल को बाहर निकाला जा सकेगा? इस रेस्क्यू में परेशानी कहां आ रही है? किस तकनीक से रेस्क्यू को आसान बनाया जा सकेगा? आइए जानते हैं राहुल को निकालने में कहां परेशानी आ रही है।

NDRF की टीम बहुत ही नजदीक पहुंच चुकी है
बोरवेल में गिरे राहुल को निकलने में कुछ समय लगेगा क्योंकि NDRF की टीम बहुत ही नजदीक पहुंच चुकी है। लेकिन एक- दो बड़े पत्थरों के बीच में आ जाने से मुश्किलें पैदा हो रही हैं। हालांकि, एनडीआरएफ की टीम बहुत ही सूझबूझ से पत्थर को हटाने का काम कर रही है क्योंकि डर है कि पत्थर को तोड़ते समय कहीं राहुल को चोट न लग जाए। एनडीआरएफ की टीम ने बल्ली के सहारे एक स्ट्रक्चर खड़ा किया है। इसके साथ ही वाइब्रेटर से राहुल के नीचे के पत्थर को चिकना बनाया जा रहा है। जिससे उसको बाहर निकालने के दौरान चोट न लगे।

बच्चा मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं है
माता-पिता के अनुसार, बच्चा मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं है और ठीक से बात नहीं कर पा रहा है। वह हमारे आदेशों का ठीक से जवाब नहीं दे रहा है। हम उसे बहुत पहले रस्सी के जरिए बाहर निकाल लेते, लेकिन उसने उसे नहीं पकड़ा। मोहंती ने कहा कि बचावकर्मी भी एहतियात बरत रहे हैं क्योंकि बोरवेल के अंदर कोई केसिंग पाइप नहीं है। बोरवेल आठ इंच चौड़ा है, इसलिए मिट्टी धंसने का खतरा है।

व्यापक बचाव अभियान में जुटे हुए हैं
एनडीआरएफ, सेना, स्थानीय पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों सहित 500 से अधिक कर्मी शुक्रवार शाम से चल रहे व्यापक बचाव अभियान में जुटे हुए हैं। निरीक्षक (एनडीआरएफ) महाबीर मोहंती ने बताया कि कठोर चट्टानों के कारण बच्चे तक पहुंचने के लिए समानांतर गड्ढे और बोरवेल के बीच लगभग 15 फीट लंबी एक सुरंग बनाने के काम में बाधा आ रही है। बचावकर्मियों के लिए ड्रिलिंग मशीनों से भी चट्टान को काटना मुश्किल हो रहा है।  मोहंती शुक्रवार से एनडीआरएफ की तीसरी बटालियन के बचाव दल की अगुवाई कर रहे हैं। यह पूछे जाने पर कि बचाव में कितना समय लगेगा, उन्होंने कहा किसी भी समय की भविष्यवाणी नहीं की जा सकती, लेकिन हम आज देर रात तक वहां पहुंचने की उम्मीद कर रहे हैं। 

सहायता के लिए मौके पर सभी जरूरी इंतजाम
बयान में कहा गया है कि स्वास्थ्य कर्मियों की एक टीम ने बच्चे को तत्काल सहायता मुहैया कराने के लिए मौके पर सभी जरूरी इंतजाम किए हैं जबकि बिलापुर के अपोलो अस्पताल में उसे स्थानांतरित करने के लिए सभी सुविधाओं के साथ एक एम्बुलेंस भी तैयार रखी गई है। विज्ञप्ति के अनुसार बोरवेल के अंदर कुछ पानी था जहां बच्चा फंसा था। एनडीआरएफ के जवान इसे निकालने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। क्षेत्र के ग्रामीणों को अपने बोरवेल चालू करने के लिए कहा गया था, जबकि भूजल स्तर को कम करने के लिए पास के दो बांध से भी पानी छोड़ा जा रहा है। इस बीच, बच्चे को सुरक्षित निकाले जाने के लिए सोशल मीडिया पर दुआएं की जा रही हैं।

राहुल को मिल रही राहत
स्थानीय प्रशासन के अनुसार बोरवेल के लिए खोदे गए गड्ढे का मुंह जरूर छोटा है, लेकिन अंदर से वह चौड़ा हो गया है। वहीं नीचे पत्थर भी लगे हैं। इसके कारण राहुल उसमें अटका हुआ है। हालांकि उसे काफी चोटें भी आई होंगी। इसके बाद भी उसने हिम्मत बांधी हुई है। 

ऐसे हुआ हादसा
जांजगीर-चंपा के पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल ने बताया कि बच्चे का नाम राहुल साहू है। वह शुक्रवार दोपहर खेलने के लिए अपने घर के पीछे गया था। लेकिन ध्यान न रहने के कारण वहां खुले बोरवेल में गिर गया सूचना मिलते ही प्रशासन अलर्ट हो गया। वहीं, शाम चार बजे से बचाव कार्य शुरू कर दिया गया।