
हाइलाइट्स :-
- पंजाब में 50 सालों की सबसे भयंकर बाढ़.
- 2000 गांव प्रभावित, 43 लोगों की मौत.
- 4 लाख से ज़्यादा लोग संकट में.
- राहत के लिए 71 करोड़ रूपए जारी.
- केंद्र से 60,000 करोड़ की सहायता की मांग.
Punjab Floods : पंजाब के वित्त मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने शनिवार को राज्य में आई अभूतपूर्व बाढ़ संकट की गंभीरता को दर्शाते हुए इसे पिछले पांच दशकों की सबसे भीषण बाढ़ बताया. पंजाब और पड़ोसी पहाड़ी राज्यों में लगातार हुई बारिश ने भारी तबाही मचाई, जिससे सभी जिलों में लगभग 2,000 गांव प्रभावित हुए हैं. 4,00,000 से अधिक नागरिक प्रभावित हुए हैं, और 14 जिलों में 43 लोगों की मौत की सूचना है. कृषि क्षेत्र, जो राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, को भारी नुकसान हुआ है, जहां 18 जिलों में 1,72,000 हेक्टेयर कृषि भूमि बर्बाद हुई है. इसके अलावा, बुनियादी ढांचे, घरों और मवेशियों को भी बड़ा नुकसान हुआ है. घग्गर नदी का जलस्तर 750 फीट के खतरे के निशान को पार कर गया है.
वित्त मंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार ने इस अभूतपूर्व बाढ़ संकट का तत्काल और संवेदनशीलता से जवाब दिया है. उन्होंने भाजपा-शासित केंद्र सरकार से जवाबदेही और सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया, यह कहते हुए कि यह संकट राजनीतिक अवसरवाद नहीं, बल्कि सहयोगात्मक प्रतिक्रिया की मांग करता है.
200 राहत शिविर बने सहारा, NDRF और SDRF की टीमें तैनात
पंजाब भवन में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि विनाश की व्यापकता के बावजूद, पंजाब सरकार ने तेजी से और समन्वित प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने बताया कि अब तक 22,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. पूरे राज्य में लगभग 200 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, जहां वर्तमान में 7,000 से अधिक विस्थापित लोग शरण लिए हुए हैं.

उन्होंने बतया कि, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की 24 टीमों और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की 2 टीमों द्वारा राहत और बचाव अभियान चलाया जा रहा है, जिन्हें 144 नावों और एक सरकारी हेलीकॉप्टर का समर्थन प्राप्त है. चीमा ने कहा कि, मुख्यमंत्री, वरिष्ठ पार्टी नेता, कैबिनेट मंत्री, सांसद, विधायक और पार्टी कार्यकर्ता खुद मौके पर मौजूद हैं और आम जनता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं. सरकारी मशीनरी, ग्राम पंचायतें और NGO चौबीसों घंटे कार्य कर रही हैं, ताकि प्रभावितों की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित की जा सके.
राजस्व विभाग ने राहत कार्यों के लिए 71 करोड़ किए जारी
वित्त मंत्री ने आगे बताया कि राजस्व विभाग ने राहत कार्यों के लिए 71 करोड़ रूपए जारी किए हैं. “एकजुटता दिखाते हुए, पूरे कैबिनेट और सभी विधायकों ने अपनी एक महीने की तनख्वाह मुख्यमंत्री राहत कोष में दान करने का संकल्प लिया है. इसके अतिरिक्त, लोकसभा और राज्यसभा में पंजाब के आम आदमी पार्टी के सांसदों ने अपने विवेकाधीन कोष से बाढ़ पीड़ितों की सहायता करने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि हमारी आबकारी एवं कराधान विभाग ने भी 50 लाख का योगदान दिया है.
मानवीय त्रासदी के राजनीतिकरण का लगाया आरोप
वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने यह भी याद दिलाया कि केंद्र से किसी राहत की घोषणा की 25 दिनों तक प्रतीक्षा करने के बाद, मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने 31 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने राज्य के लिए 60,000 करोड़ की लंबित राशि जारी करने की मांग की थी. इसमें GST मुआवजा, RDF और MDF, तथा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के फंड शामिल हैं. इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने SDRF और NDRF के नियमों में संशोधन की मांग की थी, ताकि बाढ़ पीड़ितों को उचित मुआवजा मिल सके.

वित्त मंत्री ने केंद्र सरकार पर इस मानवीय त्रासदी का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी की कड़ी निंदा की. उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पत्र लिखे जाने के 25 दिन बाद भी प्रधानमंत्री ने कोई जवाब नहीं दिया. उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया कि जहां भूकंप राहत के लिए तालिबान-शासित अफगानिस्तान को सहायता भेजी जा रही है, वहीं पंजाब के लोगों के प्रति वैसी ही सहानुभूति नहीं दिखाई गई.
केंद्रीय मंत्रियों ने खिंचवाई सिर्फ फोटो, नहीं की मदद
केंद्र सरकार की प्रतिक्रिया पर गंभीर असंतोष व्यक्त करते हुए पंजाब के वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्रीय मंत्री और टीमें केवल फोटो खिंचवाने आईं, लेकिन कोई राहत पैकेज या वित्तीय सहायता की घोषणा नहीं की. उन्होंने केंद्र द्वारा अवैध खनन को पंजाब में बाढ़ का कारण बताने के दावे को खारिज करते हुए इसे राज्य के प्रति पूर्वाग्रह बताया. उन्होंने कहा कि केंद्र अन्य राज्यों में आई बाढ़ का कारण क्यों नहीं बताता? उन्होंने केंद्र के दृष्टिकोण में दोहरे मापदंड की ओर इशारा किया. उन्होंने कहा कि पंजाब, जिसने देश के विकास में योगदान दिया और उसकी रक्षा के लिए बलिदान दिए, को सहयोग देने की बजाय भाजपा सरकार राजनीतिक द्वेष दिखा रही है.
राज्य से नहीं मांगा गया कोई डेटा
प्रेस कॉन्फ्रेंस के अंत में वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि केंद्र सरकार क्षति का आकलन करने का दावा कर रही है लेकिन राज्य से अब तक कोई डेटा नहीं मांगा गया है, जबकि पंजाब सरकार इसकी आपूर्ति करने के लिए पूरी तरह तैयार है. उन्होंने कहा कि अंतिम नुकसान का आकलन बाढ़ के समाप्त होने के बाद ही किया जा सकता है. उन्होंने केंद्र पर आरोप लगाया कि इस संकट की घड़ी में केंद्र ने पंजाब को पूरी तरह असफल किया है. उन्होंने मांग की कि 60,000 करोड़ की लंबित राशि तुरंत जारी की जाए और राज्य के पुनर्वास कार्यों के लिए त्वरित राहत और वित्तीय सहायता भेजी जाए.
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