महुआ मोइत्रा को राहत नहीं, तीन जनवरी को होगी संसद से निष्कासन के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

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New Delhi : लोकसभा से निष्कासन के विरुद्ध टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की याचिका पर अब सुप्रीम कोर्ट अगले साल तीन जनवरी को सुनवाई करेगा। टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा की याचिका पर जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच सुनवाई की। इससे पहले महुआ मोइत्रा ने इस मामले की जल्द सुनवाई के लिए CJI से मांग की थी। CJI ने महुआ मोइत्रा के वकील से कहा था कि वह जल्द सुनवाई की मांग को लेकर एक ईमेल करें। इसके बाद याचिका को सूचीबद्ध करने पर विचार करेंगे। सनद रहे कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने जल्द सुनवाई की मांग पर सीजेआई के पास जाने को कहा था।

जल्दी सुनवाई के लिए सीजेआई से अनुरोध करें

सनद रहे कि जस्टिस एसके कौल ने महुआ मोइत्रा की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि वो जल्दी सुनवाई के लिए सीजेआई से अनुरोध करें। सीजेआई ही जल्द सुनवाई पर फैसला लेंगे। इस चरण में मैं फैसला नहीं लेना चाहता। सिंघवी ने महुआ मोइत्रा की याचिका को कल या परसों सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया था। सनद रहे कि महुआ के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने जल्द सुनवाई की मांग की थी।

किशन कौल ने क्या कहा?

जस्टिस संजय किशन कौल ने कहा कि चीफ जस्टिस आपकी मांग पर विचार करेंगे। बेंच ने सीजेआई की बेंच में अपनी मांग रखने को कहा था। रिश्वत लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में शुक्रवार (8 दिसंबर) को महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता खत्म कर दी गई थी।

ये बीजेपी के अंत की शुरुआत है

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट पर वोटिंग कराई, जो ध्वनिमत से पास हो गया। लोकसभा से निष्कासन के बाद महुआ ने कहा कि एथिक्स कमेटी ने मुझे झुकाने के लिए बनाई गई अपनी रिपोर्ट में हर नियम तोड़ दिया। ये बीजेपी के अंत की शुरुआत है।

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