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Uttar Pradesh : चुनावी फायदे के लिए धर्म का राजनीतिकरण उचित नहीं : मायावती

Uttar Pradesh : चुनावी फायदे के लिए धर्म का राजनीतिकरण उचित नहीं : मायावती
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Uttar Pradesh : बसपा प्रमुख मायावती ने आगामी लोकसभा चुनाव अपने बलबूते लड़ने संबंधी पार्टी के रूख को दोहराते हुए कहा कि ऐसी स्थिति में पार्टी कार्यकर्ताओं पर बेहतर परिणाम लाने की बड़ी जिम्मेदारी होगी। बसपा प्रमुख ने इस संबंध में अपनी पार्टी की यूपी और उत्तराखंड इकाई के वरिष्ठ नेताओं और जिला अध्यक्षों के साथ बैठक की। मायावती ने कहा कि चुनावी फायदे के लिए धर्म का राजनीतिकरण उचित नहीं है। क्योंकि, इससे देश और जनहित प्रभावित हो रहा है।

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मायावती ने क्या कहा?

मायावती ने कहा कि ऐसी स्थिति में पार्टी के लोगों पर बेहतर परिणाम लाने की बड़ी जिम्मेदारी है। और इसलिए कार्यकर्ताओं को मीडिया द्वारा फैलाई गई सभी प्रकार की अफवाहों से निपटना होगा। उन्होंने बसपा कार्यकर्ताओं से संगठित होकर काम करने और विपक्षी दलों के साम, दाम, दंड, भेद आदि हथकंडों से दूर रहने को कहा। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की पूर्व सीएम ने बसपा का जनाधार बढ़ाने और पार्टी को मजबूत करने के लिए छोटी-छोटी बैठकें आयोजित करने के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देशों को पूरी लगन और निष्ठा से पूरा करने पर जोर दिया।

आजीविका का स्थायी समाधान नहीं है

मायावती ने दावा किया कि देश के 81 करोड़ से अधिक लोग दुखी हैं और महंगाई, गरीबी और बेरोजगारी से त्रस्त हैं और वे जीवित रहने के लिए सरकारी खाद्यान्न पर निर्भर हैं। उन्होंने कहा कि यह उनकी आजीविका का स्थायी समाधान नहीं है। मायावती ने कहा कि ऐसी स्थिति में लगभग सभी सरकारों की जनहित और जनकल्याण के प्रति सोच और कार्यशैली पर उंगली उठना स्वाभाविक है। क्योंकि, इनकी नीतियों और कार्यक्रमों से कुछ मुट्ठीभर लोगों का तो जरूर भला हो रहा है, लेकिन देश के लाखों गरीबों और मजदूरों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है।

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