Advertisement

AI में अपार संभावनाएं, लेकिन इससे जुड़ी चिंताओं को दूर करना जरूरी : राष्ट्रपति मुर्मू

Share
Advertisement

Lucknow : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और अन्य समकालीन प्रौद्योगिक विकास में अपार संभावनाएं हैं। लेकिन, इनके उपयोग से जुड़ी चिंताओं को दूर करना भी आवश्यक है। द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि आज भारत के पास 5-डी यानी डिमांड, डेमोग्राफी, डेमोक्रेसी, डिजाइयर और ड्रीम हैं। ये सभी हमारी विकास यात्रा में बहुत लाभकारी सिद्ध होंगी।

Advertisement

द्रौपदी मुर्मू ने क्या कहा?

द्रौपदी मुर्मू ने यहां भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान के दूसरे दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था, जो एक दशक पहले 11वें स्थान पर थी, आज पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है और यह वर्ष 2030 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के राह पर है।

भारत एक प्रगतिशील और लोकतांत्रिक राष्ट्र

द्रौपदी मुर्मू ने यह भी कहा कि भारत एक प्रगतिशील और लोकतांत्रिक राष्ट्र है। हमारा यह सपना है कि भारत वर्ष 2047 तक एक विकसित देश बने। यह आईआईआईटी, लखनऊ के सभी छात्रों की जिम्मेदारी है कि वे न केवल इस परिकल्पना में भागीदार ही न बनें। बल्कि, इसे पूरा करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान भी दें। राष्ट्रपति ने कहा कि परिवर्तन प्रकृति का नियम है। हम चौथी औद्योगिक क्रांति की शुरुआत देख रहे हैं।

कृत्रिम मेधा एक महत्वपूर्ण उपकरण है

मानव जीवन को आसान बनाने और उत्पादकता बढ़ाने के लिए कृत्रिम मेधा एक महत्वपूर्ण उपकरण साबित हो रहा है। अपने व्यापक अनुप्रयोगों के साथ, कृत्रिम मेधा और मशीन लर्निंग हमारे जीवन के लगभग सभी पहलुओं को छू रहे हैं। स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, कृषि, स्मार्ट सिटी, बुनियादी ढांचे, स्मार्ट गतिशीलता और परिवहन जैसे सभी क्षेत्रों में, कृत्रिम मेधा और मशीन लर्निंग बड़े पैमाने पर हमारी दक्षता तथा कार्य क्षमता में सुधार के कई अवसर प्रस्‍तुत कर रहे हैं।

यह भी पढ़ें – Rajasthan CM Bhajan Lal: भाजपा ने चुना राजस्थान का सीएम, बाबा बालकनाथ बोले…’हम बहुत सौभाग्यशाली है’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *