
फटाफट पढ़ें
- मोहन भागवत ने पड़ोसी देशों की चिंता जताई
- सरकार से दूरी पर असंतोष बढ़ने की बात कही
- हिंसक आंदोलनों को हानिकारक बताया गया
- अराजकता में बाहरी ताकतें सक्रिय हो जाती हैं
- आरएसएस ने 100वां स्थापना वर्ष मनाया
Mohan Bhagwat : विजयादशमी के समारोह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने देश में और पड़ोसी देशों में हो रही अशांति पर अपने विचार व्यक्त किए. उन्होंने कहा कि जब सरकार जनता उनकी समस्याओं से दूर हो जाती है, तो लोग विरोध प्रदर्शन करते हैं. हालांकि, उन्होंने हिंसक प्रदर्शनों को गलत बताया और कहा है कि इस तरह के तरीके से किसी को कभी लाभ नहीं हुआ. हाल ही में नेपाल में Gen Z आंदोलन हुआ था, जिसमें युवाओं ने सरकार के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन किए थे.
प्रशासन और जनता के बीच दूरी से बढ़ता असंतोष
मोहन भागवत ने कहा, ‘श्रीलंका में, फिर बांग्लादेश में और उसके बाद में नेपाल में हमने ऐसी घटनाएं देखी हैं. कभी-कभी ऐसी परिस्थितियां पैदा हो जाती हैं जब प्रशासन जनता के करीब नहीं होता और उनकी समस्याओं को समझने में असमर्थ रहता है. जब सरकार जनता की हालत को ध्यान में रखकर नीतियां नहीं बनती, तो असंतोष बढ़ता है, लेकिन इस असंतोष का हिंसक रूप लेना किसी के भी हित में नहीं होता.
हिंसक क्रांतियों से कभी नहीं मिला असली उद्देश्य
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, अगर हम अभी तक का इतिहास देखेंगे तो जब से उथल पुथल वाली तथाकथित क्रांतियां आई हैं. किसी क्रांति ने अपने उद्देश्यों को प्राप्त नहीं किया. राजा के खिलाफ फ्रांस की राज्य क्रांति हुई, उसकी परिणाम क्या हुआ? नेपोलियन बादशाह बन गया. वही राज्यतंत्र कायम है. इतनी सारी तथाकथित साम्यवादी क्रांतियां हुईं, सभी साम्यवादी देश आज पूंजीवादी तंत्र पर चल रहे हैं.’
पड़ोसी देशों में अस्थिरता पर जताई चिंता
मोहन भागवत ने कहा कि अगर देश में स्थिति खराब होती है, तो बाहर की ताकतें हावी होने की कोशिश करती हैं, उन्होंने कहा, ‘ऐसे हिंसक प्रदर्शनों से उद्देश्य प्राप्त नहीं हुआ, बल्कि अराजकता की स्थिति में देश की बाहर की ताकतों को अपने खेल खेलने का मौका मिलता है. इसलिए हमारे पड़ोसी देशों में जो उथल पुथल हो रही है. ये हमारे ही जैसे हैं, ये हमसे दूर नहीं हैं. ये हमारे अपने है. उनमें इस प्रकार की अस्थिरता होना, वह आत्मीयता के संबंध के चलते चिंता का विषय है.’
बात दें कि इस साल विजयदशमी के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने अपने स्थापना के सौ वर्ष पूरे होने का जश्न भी मना रहा है. इस विशेष मौके पर कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी उपस्थित थे.
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