पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद का भाजपा पर तंज, प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर कही यह बात…

Kirti Azad on Pran Prathistha
Kirti Azad on Pran Prathistha: पूर्व क्रिकेट सह दरभंगा के पूर्व सांसद कीर्ति आजाद ने अपने आवास पर पत्रकारों से बात की। उन्होंने कहा जिस दिन कोर्ट के आदेश पर राम मंदिर बनने की घोषणा हुई थी तब से बड़ी प्रसन्नता है। सभी लोग जानते हैं कि मिथिला मां सीता की जन्मस्थली है। हम लोग यहीं से आते हैं। मिथिला प्रभु श्रीराम का ससुराल है। इससे बढ़कर हमारे लिए और प्रसन्नता की बात क्या होगी।
‘22 को नहीं जाएंगे तो सनातन विरोधी नहीं हो जाएंगे’
उन्होंने कहा, भगवान राम का भव्य मंदिर बन रहा है। कोई आवश्यकता नहीं कि हम 22 जनवरी को ही अयोध्या जाएं। अगर हम 22 को नहीं जाएंगे तो सनातन धर्म के विरोधी नहीं हो जाएंगे। वर्तमान में दो शंकराचार्य ने कहा कि अभी मंदिर पूरा बना नहीं है, अधूरा है। विधि विधान से सब होना चाहिए। इस कारण से वह भी नहीं जा रहे हैं। तो क्या वह सनातन धर्म के विरोधी हो गए। ऐसा नहीं है, इसे राजनीतिक रंग नही देना चाहिए। जब राम मंदिर पूर्ण रूप से बनकर तैयार हो जाएगा। तब सीता मां की तरफ से हम हजारों-लाखों लोग जाएंगे और मंदिर में जाकर पूजा अर्चना करेंगे।
‘श्रीराम पर नहीं बीजेपी का कॉपीराइट’
उन्होंने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि ये तो शुरू से पता है की ये लोग धर्म के नाम पर लोगों को लड़ाते हैं। राम तो सबके हैं। केवल भारतीय जनता पार्टी का कॉपी राइट नहीं है। अगर कोई नहीं जा रहा है तो उसमें कई कारण हो सकते हैं। मैं सनातन धर्म को मानता हूं और सनातन धर्म के चार शंकराचार्य में से दो ने कहा की वो नहीं जा रहे हैं। क्योंकि शास्त्रों के अनुरूप प्राण प्रतिष्ठा नहीं हो रही है।
‘सिया बिन अधूरे हैं राम’
कीर्ति आजाद ने कहा कि रामनवमी के दिन तक मंदिर तैयार हो जाता, उस दिन प्राण प्रतिष्ठा करनी चाहिए थी। अगर मां सीता नहीं होती तो भगवान राम को भी ये प्रताप नहीं मिलता जो मिला है। मुझे बड़ा अजीब लगता है जब लोग श्रीराम बोलते हैं। लोग बोलते हैं गौरी-शंकर, राधा-कृष्ण, लक्ष्मी-नारायण तो सियाराम क्यों नहीं। सिया के बिना तो राम अधूरे हैं।
रिपोर्टः रवि झा, संवाददाता, दरभंगा, बिहार
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